भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) केंद्र सरकार को लाभांश और अधिशेष कोष के मद से 1.76 लाख करोड़ रुपए देगा। केंद्रीय बैंक की निदेशक मंडल की सोमवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया।
रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल के केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने के बाद यह कदम उठाया गया है। समिति का गठन रिजर्व बैंक के कारोबार के लिए आर्थिक पूंजी /बफर पूंजी के उपयुक्त स्तर के निर्माण तथा आवश्यकता से अधिक पड़ी पूंजी को सरकार को हस्तांतरित करने के बारे में सिफारिश देने के लिए किया गया था।
केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि आरबीआई निदेशक मंडल ने 1,76,051 करोड़ रुपए सरकार को हस्तांतरित करने का निर्णय किया है। इसमें 2018-19 के लिए 1,23,414 करोड़ रुपए के अधिशेष और 52,637 करोड़ रुपए अतिरिक्त प्रावधान के रूप में चिन्हित किया गया है। अतिरिक्त प्रावधान की यह राशि आरबीआई की आर्थिक पूंजी से संबंधी संशोधित नियमों (ईसीएफ) के आधार पर निकाली गई है।
Central Board of Reserve Bank of India today decided to transfer a sum of Rs 1,76,051 cr to GoI comprising of Rs 1,23,414 cr of surplus for year 2018-19&Rs 52,637 cr of excess provisions identified as per revised Economic Capital Framework adopted at meeting of Central Board.
— ANI (@ANI) August 26, 2019
इस ख़बर को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने नराजगी जताई है। बता दें कि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिये पिछले सप्ताह विभिन्न कदमों की घोषणा की।
देखिए कुछ ऐसे ही ट्वीट
सरकार जो चाहती थी वो हो गया.
₹ 1,76,051 करोड़ ( एक लाख छिहत्तर हज़ार इक्यावन करोड़ रूपये ) रिज़र्व बैंक भारत सरकार को देगी.
ये सरप्लस है जिसके चक्कर में रिज़र्व बैंक से सरकार का विवाद हुआ था.
अब देखना है कि सरकार इस रक़म का क्या करेगी? https://t.co/KCPygT4PO5
— Milind Khandekar (@milindkhandekar) August 26, 2019
After bankrupting all PSUs and banks, the bankrupt government finally got its hands on RBI's reserves! https://t.co/sX5GJGdCnL
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) August 26, 2019
RBI’s stock of reserves accumulated over several previous governments is now handed over to this govt
It is a raid on RBI’s reserves & autonomy, over which the former Governor & Deputy Governor had resigned in protest
Yet another institution crumbles https://t.co/jlhWCF09A9
— Praveen Chakravarty (@pravchak) August 26, 2019
#RBISurplus पर तमाम ना-नुकुर के बाद आखिरकार #RBI मोदी सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपए देने पर राजी हो गया।
बिमल जालान समिति ने इस बारे में सिफारिश की थी। @NANA_PATOLE @bb_thorat @charulata_tokas @INCMaharashtra https://t.co/N7AZM7uUF0
— Maharashtra Pradesh Mahila Congress (@MaharashtraPMC) August 26, 2019
Govt. has finally decided to raid the @RBI reserves. The transfer of 1.76 lac crores looks suspiciously close to the 1.77 lac crores off hidden deficit in 2018-19 budget accounts.https://t.co/AuwkoI8Yft
This does nothing 2 enhance GoI/RBI credibility in financial markets.
— SonaliRanade (@sonaliranade) August 26, 2019
RBI अपने 84 साल के इतिहास में पहली बार 1.76 लाख करोड़ रुपये का सरप्लस फंड केंद्र सरकार को देगा,RBI के पूर्व गवर्नर उर्जितपटेल इसके खिलाफ थे।वास्तव में इसी की वजह से उर्जित पटेलऔर डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने इस्तीफा दे दिया था।
सूत्र बता रहेहैकि अभी RBI के पास 9.6 लाख करोड़ रु.है— Tarkeshwar???? (@tara65kumar16) August 27, 2019
CM @ArvindKejriwal जनता के पैसे को जनता पर खर्च कर रहे हैं..
PM #मोदी जनता की गाढ़ी कमाई 1.76 लाख करोड़ रुपए #RBI से क्यू निकाल रहे हैं?
जनता की कमाई की लूट क्यू? pic.twitter.com/xujxCwgKJN— Manish Rai (@Manish_Kmr_Rai) August 27, 2019
उधर इमरान की भैंस पानी में गयी, इधर मोदी की भैंस RBI में घुसकर जनता की गाढ़ी कमाई से अर्जित की गयी 1.76 लाख करोड़ चर गयी। अब दलालों की दलाली पर आर्थिक मंदी का कोई असर नहीं पड़ेगा।
Typo Error: मोदी जी ने सबको 15 लाख देने का नहीं, सबसे 15 लाख लेने का वादा किया था।#RBI https://t.co/otCqDkorbH— Farmer@farmer (@kisanKiAwaz) August 27, 2019