दिल्ली में ‘रविदास मंदिर’ गिराए जाने के खिलाफ दलित समुदाय के हजारों लोगों ने किया प्रदर्शन, चंद्रशेखर आजाद की गिरफ्तारी पर भड़कीं प्रियंका गांधी, बोलीं- दलितों का अपमान बर्दाश्त नहीं

0

राजधानी दिल्ली में हाल में एक रविदास मंदिर को गिराए जाने के विरोध में देश के विभिन्न हिस्सों से आए दलित समुदाय के लोगों ने हाथों में नीले रंग के झंडे लेकर झंडेवालान से रामलीला मैदान तक बुधवार को प्रदर्शन किया। प्रदर्शन को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने उनके उपर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे। इसके बाद पुलिस ने भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद समेत करीब 80 लोगों को गिरफ्तार करना पड़ा। इन्हीं गिरफ्तारियों के बाद कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है।

रविदास मंदिर

दिल्ली में संत रविदास मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग को लेकर दलित संगठनों के प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस वर्ग की भावनाओं का आदर किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि दलितों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”भाजपा सरकार पहले करोड़ों दलित बहनों-भाइयों की सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक रविदास मंदिर स्थल से खिलवाड़ करती है और जब इसके विरोध में देश की राजधानी में हजारों दलित भाई-बहन अपनी आवाज़ उठाते हैं तो भाजपा उन पर लाठी बरसाती है, उन पर आँसू गैस के छोड़े जाते हैं, उन्हें गिरफ़्तार किया जाता है।”

प्रियंका ने आगे कहा, ”दलितों की आवाज़ का यह अपमान बर्दाश्त से बाहर है। यह एक जज़्बाती मामला है और उनकी आवाज का आदर होना चाहिए।”

वही कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि गुरु रविदास मंदिर तोड़ने का विरोध करने पर ग़रीबों पर देश की राजधानी में बेरहमी से लाठियां भांजती बीजेपी सरकार। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “गुरु रविदास मंदिर तोड़ने का विरोध करने पर ग़रीबों पर देश की राजधानी में बेरहमी से लाठियाँ भांजती भाजपा सरकार। ग़रीब अगर आवाज़ उठाए तो अपराधी है! भाजपा है तो मुमकिन है! गोदी मीडिया नहीं दिखाएगा या बताएगा क्योंकि यह सच असुविधाजनक है!”

दरअसल, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 10 अगस्त को मंदिर गिरा दिया था। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से दोबारा मंदिर बनाने की मांग की। पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से आए प्रदर्शनकारी ’जय भीम’ के नारे लगा रहे थे। उन्होंने सरकार से मांग की कि संबंधित जमीन दलित समुदाय को सौंप दी जाए और मंदिर दोबारा बनवाया जाए।

यह मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है क्योंकि कई राजनीतिक पार्टियां तुगलकाबाद के संबंधित स्थल पर या किसी अन्य वैकल्पिक स्थल पर मंदिर बनवाने की मांग कर रही हैं। इसी मुद्दे पर 13 अगस्त को पंजाब में दलित समुदाय ने प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन में दिल्ली के सामाजिक न्याय मंत्री राजेंद्र पाल गौतम, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद और इस समुदाय के आध्यात्मिक नेता मौजूद थे।

Previous articleVIDEO: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के सम्मान में दी जा रही थी 21 बंदूकों की सलामी, लेकिन एक भी बंदूक नहीं चली
Next articleशर्मनाक: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में दो नाबालिग भाइयों ने 6 वर्षीय बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म कर की हत्या