जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के संबंध में कुछ संभावित बड़े फैसले को लेकर घाटी में बढ़ती अटकलों के बीच राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वह राज्य के विशेष दर्जे के साथ छेड़छाड़ न करें। उन्होंने कहा कि ऐसे कदम के नतीजे अच्छे नहीं होंगे।
फाइल फोटोमहबूबा ने अन्य पार्टियों के नेताओं के साथ शुक्रवार रात को राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की और उनसे उन अफवाहों को खारिज करने का अनुरोध किया जिससे घाटी में भय का माहौल पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि अपनी विशिष्ट पहचान की रक्षा के लिये जो कुछ भी बाकी बचा है, उसे भारत, जम्मू कश्मीर की जनता से बलपूर्वक छीनने की तैयारी में है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता ने ट्वीट किया, ‘‘आप एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य के प्यार को जीतने में नाकाम रहे, जिसने धार्मिक आधार पर विभेद को खारिज किया और धर्मनिरपेक्ष भारत को चुना। अब मामला आर-पार का हो चुका है और भारत ने जनता के बदले जमीन को तरजीह दी है।’’
उन्होंने एक और ट्वीट कर कहा, ‘‘(पीडीपी के संस्थापक और दो बार मुख्यमंत्री रहे) मुफ्ती (मोहम्मद सईद) साहब हमेशा कहा करते थे कि कश्मीरियों को जो कुछ भी मिलेगा वह उनके अपने देश भारत से मिलेगा। लेकिन आज ऐसा लगता है कि अपनी विशिष्ट पहचान की रक्षा के लिये उनके पास जो कुछ भी बचा था, यही देश उनसे वह बलपूर्वक छीनने की तैयारी कर रहा है।’’
Mufti sahab would always say that whatever kashmiris will get , it will be from their own country India. But today the same country seems to be preparing to rob them of whatever little is left to protect their unique identity.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 2, 2019
शाम को अपने आवास पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री ‘इंसानियत, जम्हूरियत, कश्मीरियत’ के बारे में बात करके कश्मीर के लोगों का दिलों-दिमाग जीतना चाहते हैं तो ऐसा माहौल क्यों बनाया जा रहा है जहां लोगों को लग रहा है कि उनकी पहचान खतरे में है। महबूबा ने कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि देश के लोग जम्मू कश्मीर के लोगों को चाहते हैं ना कि केवल भूमि। लेकिन स्थिति ऐसी है कि ऐसा लग रहा है कि आप जम्मू कश्मीर को क्षेत्र का मुद्दा समझते हैं। पूरा क्षेत्र पहले से ही आपके साथ है।’’
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर ही एकमात्र मुस्लिम बहुत राज्य है जिसने मुश्किल समय में इस शर्त पर दो राष्ट्र की थ्योरी नकार दी और एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक भारत में शामिल हो गया कि उसकी विशिष्ट पहचान की रक्षा की जाएगी।महबूबा ने कहा कि वह इस मुद्दे पर सहमति बनाने के लिए घाटी में अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात करेगी और एकजुट होकर लड़ाई लड़ेंगी। संवाददाता सम्मेलन के बाद उन्होंने नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, पीपुल्स कांफ्रेंस नेता सज्जाद लोन और इमरान अंसारी, जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के नेता शाह फैसल से मुलाकात की।
वहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर सवाल उठाया है कि पूरे राज्य में दहशत का माहौल क्यों बनाया जा रहा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि गुलमर्ग में ठहरे दोस्तों को वहां से हटाया जा रहा है। लोगों को पहलगाम और गुलमर्ग से निकालने के लिए राज्य की बसें लगाई जा रही हैं। अगर यात्रा को लेकर खतरा है तो गुलमर्ग खाली क्यों कराया जा रहा है?
Friends staying in hotels in Gulmarg are being forced to leave. State road transport Corpn buses are being deployed to bus people out from Pahalgam & Gulmarg. If there is a threat to the yatra why is Gulmarg being emptied?
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 2, 2019
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में बीते एक हफ़्ते से फौज़ों की बढ़ती तैनाती को लेकर तनाव बना हुआ है। इससे ये अंदेशा बन रहा है कि राज्य में कुछ बड़ा होने वाला है. हालांकि सरकार इसे बहुत तूल देने से बचने की कोशिश कर रही है। (इंपुट: भाषा के साथ)