राज्यसभा में शुक्रवार को आतंकवाद के खिलाफ UAPA संशोधन बिल पर चर्चा हुई। इस दौरान आतंकवाद के मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बीच नोंकझोंक हुई और सिंह द्वारा कानून का दुरूपयोग कर उन्हें ‘‘आतंकवादी’’ घोषित करने की आशंका जताए जाने पर अमित शाह ने उन्हें आश्वासन दिया कि अगर वह कुछ नहीं करेंगे तो कुछ नहीं होगा।
उच्च सदन में अमित शाह और दिग्विजय सिंह के बीच यह नोंकझोंक विधिविरूद्ध क्रिया कलाप निवारण (निरसन) विधेयक पर चर्चा के दौरान दिखाई दी। विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए सिंह ने इस विधेयक के प्रावधानों के दुरूपयोग की आशंका जताते हुए कहा कि कोरेगांव मामले में उनका भी नाम जोड़ा गया है। उन्होंने आशंका जताई, ‘‘आप (सरकार) सबसे पहले मुझे ही उसमें (आतंकवादी की सूची में) डालेंगे।’’
बाद में चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘‘मैं उनको (सिंह को) आश्वस्त करना चाहता हूं, अगर कुछ नहीं करोगे तो कुछ नहीं होगा।’’ इससे पहले गृह मंत्री ने यह भी कहा था कि, ‘‘दिग्विजय जी का गुस्सा मैं समझ सकता हूं। अभी अभी चुनाव हार कर आए हैं। उनका गुस्सा निकलना स्वाभाविक है।’’
चर्चा में हिस्सा लेते हुए दिग्विजय सिंह ने आतंकवाद से जुड़े तीन मामलों (समझौता एक्सप्रेस विस्फोट, मक्का मस्जिद विस्फोट और अजमेर शरीफ विस्फोट) में एनआईए की जांच के बाद अभियुक्तों के बरी होने का जिक्र करते हुए सरकार पर निशाना साधा था। (इंपुट: भाषा के साथ)