दिल्ली हाई कोर्ट ने मेट्रो में महिलाओं के लिए मुफ्त सफर के आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के प्रस्ताव को चुनौती देने वाली याचिका बुधवार (10 जुलाई) को खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने याचिका को सुनने से यह कहकर इनकार कर दिया कि इसमें कोई दम नहीं है। पीठ ने याचिकाकर्ता पर भी 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार को यह तय करना है कि महिलाओं को किराया में छूट दी जाए या नहीं।
अदालत ने याचिकाकर्ता की उस अपील को भी खारिज कर दिया, जिसमें किराया कम करने और टिकट की कीमत मौजूदा छह स्लैब के बजाए इसे 15 स्लैब में करने का अनुरोध किया गया था। पीठ ने कहा, ‘‘किराया तय करना वैधानिक प्रावधान है और यह लागत समेत कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसे एक जनहित याचिका में निर्धारित नहीं किया जा सकता।’’
Delhi HC refused to entertain a PIL seeking reduction in fares of Delhi metro. Petition had also opposed the free metro ride to the women as proposed. HC said it's for Govt to decide whether to give fare exemption to women or not & also imposed cost of Rs 10,000 on petitioner pic.twitter.com/cPqMB9iwQo
— ANI (@ANI) July 10, 2019
गौरतलब है कि हाल ही में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने घोषणा की थी कि मेट्रो और डीटीसी की बसों में महिलाओं का सफर मुफ्त किया जाएगा। केजरीवाल ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि अगले 2 से 3 महीने में यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि डीएमआरसी ने इस संदर्थ में उनकी सरकार को प्रस्ताव सौंपा है।
Delhi CM Arvind Kejriwal: On all DTC buses, cluster buses and metro trains women will be allowed to travel free of cost so that they have a safe travel experience and can access modes of transport which they were not able to, due to high prices. pic.twitter.com/KVqEWDIJAS
— ANI (@ANI) June 3, 2019
तीन जून को दिल्ली की आदमी पार्टी सरकार ने महिलाओं के लिए मेट्रो और डीटीसी में मुफ्त यात्रा का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से कहा था, “महिलाएं सभी डीटीसी बसों, क्लस्टर बसों और दिल्ली मेट्रो में मुफ्त यात्रा का लाभ पा सकती हैं। यह योजना महिलाओं के सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए है, जो परिवहन का सबसे सुरक्षित साधन माना जाता है।”
उन्होंने कहा कि योजना को दिल्ली सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाएगी। सीएम केजरीवाल ने कहा कि हमने केंद्र सरकार से कहा था कि मेट्रो का किराया मत बढ़ाइए, लेकिन वे सहमत नहीं थे। हमने उनसे कहा कि हमारी 50-5- फीसदी की हिस्सेदारी है, इसलिए सब्सिडी का खर्चा भी 50-50 फीसदी उठाना चाहिए। वे इसपर भी सहमत नहीं हुए। दिल्ली सरकार इसका पूरा खर्चा खुद उठाएगी। हमें इसके लिए मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं है।
Delhi CM: Initially we'd told Centre not to increase prices of tickets, they didn't agree. We told them we've 50-50 partnership, let's give 50-50 subsidy on raised prices, they didn't agree. Delhi govt will bear the fare of what we're going to do.We needn't take approval for this pic.twitter.com/4nlPbkUf9k
— ANI (@ANI) June 3, 2019
केजरीवाल के मुताबिक, दिल्ली मेट्रो ने आप सरकार को महिलाओं की मुफ्त यात्रा पर रिपोर्ट भेजी है और किराया निर्धारण समिति से मंजूरी लेने सहित जरूरी तैयारियों के लिए कम से कम आठ महीनों का समय मांगा है। केजरीवाल ने बताया था कि दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) से उनकी सरकार को मिली रिपोर्ट में किराया छूट को वित्तपोषित करने के लिए 1566.64 करोड़ रुपये की सालाना जरूरत की बात कही गई है।