कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की औपचारिक घोषणा के एक दिन बाद राहुल गांधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कार्यकर्ता द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि मामले के संबंध में गुरुवार को मुंबई की एक अदालत में पेश हुए। अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि मामले में 15,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। जमानती राशि अदालत में सुनवाई के दौरान राहुल के साथ मौजूद मुंबई के पूर्व सांसद एकनाथ गायकवाड़ ने दी। यह मामला गांधी द्वारा पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या को ‘बीजेपी-आरएसएस विचारधारा’ से कथित रूप से जोड़ने से संबंधित है।

बता दें कि गौरी लंकेश की सितंबर 2017 में बेंगलुरु में उनके घर के गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि राहुल गांधी ने पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या को भाजपा-आरएसएस की विचारधारा से जोड़ा था। हालांकि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता की ओर से दायर मानहानि के मामले में राहुल गांधी और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी के खिलाफ मुकदमा चलेगा।
अदलत ने शिकायत पढ़कर गांधी और येचुरी को सुनाई और पूछा कि क्या वे अपने खिलाफ लगे आरोपों को स्वीकार करते हैं या खुद को निर्दोष बताते हैं। दोनों नेताओं ने स्वयं को निर्दोष बताया। अब दोनों के खिलाफ मुकदमा चलेगा। अदालत उनके, शिकायतकर्ता और गवाहों के बयान दर्ज करेगी। अदालत ने 15-15 हजार रुपये के मुचलके पर गांधी और येचुरी को जमानत दे दी और मुकदमे की सुनवाई के दौरान उपस्थिति से स्थाई छूट भी दी।
Defamation case filed against Rahul Gandhi for allegedly linking Gauri Lankesh's murder with "BJP-RSS ideology": Rahul Gandhi pleads not guilty. He has been released on Rs 15000 surety amount. Ex MP Eknath Gaikwad has given surety for Rahul Gandhi. pic.twitter.com/QVGlntFi2L
— ANI (@ANI) July 4, 2019
इससे पहले जब राहुल गांधी कोर्ट में पेशी के लिए मुंबई पहुंचे तो एयरपोर्ट के बाहर मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके समर्थन में नारे लगाए। कांग्रेस समर्थकों ने ‘राहुल तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं’ के नारे लगाए। चुनाव के दौरान आरएसएस के खिलाफ दिए अपने बयानों का बचाव करने के लिए राहुल गुरुवार सुबह मुंबई के शिवड़ी कोर्ट में पहुंचे।
#WATCH Congress supporters gather outside Mumbai court where Rahul Gandhi has arrived in connection with a defamation case filed against him in 2017 for allegedly linking Gauri Lankesh's murder with "BJP-RSS ideology". He was accompanied by Mallikarjun Kharge & Milind Deora. pic.twitter.com/FtF5doIcgD
— ANI (@ANI) July 4, 2019
खुद को बताया निर्दोष
इससे पहले, संक्षिप्त सुनवाई के दौरान राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यकर्ता द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के संबंध में कहा कि वह निर्दोष हैं। आरएसएस कार्यकर्ता धृतिमान जोशी ने राहुल के खिलाफ बेंगलुरू की पत्रकार गौरी लंकेश की 2017 में हुई हत्या का संबंध दक्षिण-पंथी संगठन से जोड़ने का आरोप लगाते हुए मानहानि का मामला दायर किया था।
क्या है पूरा मामला?
जोशी ने 2017 में अपनी याचिका में तर्क दिया था कि लंकेश की हत्या के मुश्किल से 24 घंटों के बाद ही राहुल गांधी ने ट्वीट कर पत्रकार की हत्या के लिए कथित रूप से आरएसएस और उसकी विचारधारा को जिम्मेदार ठहरा दिया था। जोशी की शिकायत में लिखा था, “सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए आरोपी (राहुल) ने अनावश्यक रूप से आरएसएस का नाम घसीटा और यह कदम लोगों के मन में आरएसएस के खिलाफ नकारात्मक विचार लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।”
शिकायत में आगे लिखा था कि आरोपी और संबंधित दलों के बयान पूरी तरह से मानहानिकारक हैं और जनता की नजर में आरएसएस की छवि बिगाड़ते हैं, जो आरोपी द्वारा बिना किसी सबूत के आरएसएस की छवि को बिगाड़ने का सोचा समझा कदम है। मझगांव मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने फरवरी में वकील एवं आरएसएस कार्यकर्ता ध्रुतीमान जोशी की निजी शिकायत के संबंध में गांधी और सीपीएम नेता सीताराम येचुरी को सम्मन जारी किया था।
जोशी ने 2017 में गांधी, तत्कालीन कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, सीपीएम और इसके महासचिव येचुरी के खिलाफ शिकायत दायर की थी। किसी खास मामले की जांच के लिए अदालत से पुलिस को निर्देश की मांग के लिए निजी शिकायत दायर की जाती है। लंकेश की सितंबर 2017 में बेंगलुरू में उनके घर के बाहर कथित रूप से एक दक्षिणपंथी चरमपंथी संगठन के सदस्यों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
जोशी ने आरोप लगाया था कि लंकेश की मौत के 24 घंटे के भीतर, गांधी ने संवाददाताओं से कहा था कि बीजेपी, आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ बोलने वाले व्यक्ति पर दबाव बनाया जाता है, पीटा जीता है, हमला किया जाता है और यहां तक कि मार दिया जाता है। अदालत ने राहुल और येचुरी के खिलाफ सम्मन जारी किया था जबकि सोनिया गांधी तथा सीपीएम के खिलाफ शिकायत खारिज की थी।