दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार द्वारा बनाए गए स्कूलों के कमरे को लेकर फर्जी आरोपों के लिए दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख मनोज तिवारी और उनकी पार्टी के सहयोगियों विजेंद्र गुप्ता और प्रवेश वर्मा को कानूनी नोटिस भेजा है। शिक्षा विभाग का प्रभार संभाल रहे सिसोदिया ने उनसे लिखित माफीनामे की मांग की है और कहा है कि अन्यथा वह आपराधिक मानहानि के लिए मुकदमा सहित कानूनी प्रक्रिया शुरू करेंगे।
सिसोदिया ने अपने वकील मोहम्मद इरसाद के जरिए नोटिस भेजा है। तिवारी और अन्य नेताओं ने सोमवार को आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार द्वारा स्कूलों के कमरे बनाने में 2000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। तिवारी ने एक आरटीआई का हवाला देते हुए दावा किया था कि आप सरकार ने 2892 करोड़ रुपए की लागत से स्कूलों के 12,782 कमरों का निर्माण कराया, जबकि इसके लिए महज 800 करोड़ रुपये की जरूरत थी।
सिसोदिया द्वारा भेजे गए नोटिस में इसमें कहा गया है कि तिवारी और वर्मा ने अन्य भाजपा विधायकों की मौजूदगी में एक जुलाई को प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। उसमें एक प्रेस रिलीज जारी की, जिसे सोशल मीडिया पर भी पहुंचाया गया। उसमें मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के खिलाफ झूठे और अपमानजनक बयान दिए। नोटिस के मुताबिक, ‘यह जानते हुए कि आरोप झूठे हैं, भाजपा नेताओं की ओर से ऐसे बयान दिए गए, जिससे आप प्रमुखों की छवि को नुकसान पहुंच सके।’
इससे पहले सिसोदिया ने मनोज तिवारी पर हमला बोलते हुए कहा था कि अगर मनोज तिवारी इन घोटालों पर इतने ही आश्वस्त हैं, तो हमें गिरफ्तार क्यों नहीं कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने शिक्षा घोटाले के नाम पर लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। मनोज तिवारी ने सिसोदिया पर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।