एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार के कारण बच्चों की मौत और जल आपूर्ति की कमी को लेकर बिहार में वैशाली जिले के हरिवंशपुर के ग्रामीणों ने इसे लेकर विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन कर रहें लोगों ने जल आपूर्ति बेहतर करने और बीमारी के खिलाफ जल्द ठोस कदम उठाने की मांग की। जिला प्रशासन ने इनकी मांगें तो नहीं मानीं, लेकिन प्रदर्शन कर रहे 39 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी।

वहीं, अब इसके जवाब में हरिवंशपुर गांव के रहने वाले लोगों ने भी सरकार के खिलाफ केस दर्ज कराने का ऐलान किया है। ग्रामीणों ने कहा कि हमारे बच्चे मरे और हमने उनके लिए पानी और दवाइयों के लिए लड़ाई लड़ी लेकिन हमारे खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर दिया गया। ग्रामीणों ने अपने ऊपर दर्ज मुकदमे को वापस लेने की मांग की है।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, गांव के रहने वाले राजेश साहनी ने कहा कि हमने सीएम, डीएम, बीडीओ और अन्य अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कराने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि पानी और दवाओं के बिना हमारे बच्चे मर गए और हमने उनके लिए लड़ाई लड़ी लेकिन सरकार ने हम पर ही केस कर दिया। उन्होंने आगे बताया कि अगर हमें हाई कोर्ट जाना है तो हम भी केस फाइल करेंगे। हम मांग करेंगे कि हमारे खिलाफ सारे मुकदमे वापस लिए जाएं।
Rajesh Sahni, local: We'll file case against govt – against CM, DM, BDO, officers. Our children died, we came out on streets for their medicines & water. But case was registered against us. We'll file case even if we've to go to HC. We demand that case against us be withdrawn pic.twitter.com/T5zmm72vOA
— ANI (@ANI) June 27, 2019
गौरतलब है कि राज्य के हरिवंशपुर गांव के रहने वाले 39 लोगों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है। ग्रामीणों ने अक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम से बच्चों की मौत और इलाके में पानी की कमी को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध किया था।
लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनके रिश्तेदारों का कहना है, ‘हमारे बच्चों की मौत हो गई है। हमने सड़क घेराव किया था, लेकिन प्रशासन ने हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जिन पुरुषों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, वे गांव छोड़ कर चले गए हैं। घर में केवल वहीं रोटी कमाने वाले थेऔर अब उनके नहीं होने से हमें और दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।’