सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के दिग्गज अजीम प्रेमजी विप्रो के कार्यकारी चेयरमैन पद से 30 जुलाई को सेवानिवृत्त होंगे। कंपनी ने गुरुवार (6 जून) को एक बयान में कहा कि प्रेमजी आगे गैर-कार्यकारी निदेशक और संस्थापक चेयरमैन के रूप में निदेशक मंडल में बने रहेंगे। उनके बेटे मुख्य रणनीति अधिकारी और निदेशक मंडल के सदस्य रिशद प्रेमजी कंपनी के कार्यकारी चेयरमैन का पदभार संभालेंगे।

विप्रो ने एक बयान में कहा, ‘‘भारतीय प्रौद्योगिकी उद्योग के दिग्गज तथा विप्रो लि. के संस्थापक अजीम प्रेमजी अपना मौजूदा कार्यकाल पूरा करने के बाद कार्यकारी चेयरमैन पद से 30 जुलाई 2019 को सेवानिवृत्त होंगे। वह 53 साल कंपनी की अगुवाई करने के बाद सेवानिवृत्त हो रहे हैं। हालांकि वह गैर-कार्यकारी निदेशक तथा संस्थापक चेयरमैन बने रहेंगे।’’
निदेशक मंडल ने यह भी घोषणा की कि मुख्य कार्यकारी तथा कार्यकारी निदेशक ए जेड नीमचवाला को सीईओ तथा प्रबंध निदेशक के रूप में उनकी भूमिका तय की गई है। कंपनी ने कहा कि प्रबंधन में यह बदलाव 31 जुलाई, 2019 से प्रभावी होंगे और यह शेयरधारकों की मंजूरी पर निर्भर होगा। कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘ये बदलाव 31 जुलाई 2019 से प्रभाव में आएंगे।’’
बता दें कि दानवीर बिजनेसमैन की सूची में आईटी दिग्गज और विप्रो के अध्यक्ष अजीम प्रेमजी का नाम सबसे ऊपर आता है। हाल ही में मार्च महीने में एक रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि उन्होंने 52,750 करोड़ रुपये (7.5 अरब डॉलर) बाजार मूल्य के शेयर दान कर दिए। प्रेमजी ने जो रकम दान की वह विप्रो लिमिटेड की 34 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
उनके फाउंडेशन ने बयान जारी करके कहा था कि इस पहल से, प्रेमजी द्वारा परोपकार कार्य के लिए दान की गई कुल रकम 145,000 करोड़ रुपये (21 अरब डॉलर) हो गई है, जोकि विप्रो लिमिटेड के आर्थिक स्वामित्व का 67 प्रतिशत है। इसके साथ ही बयान में कहा गया, ‘अजीम प्रेमजी ने अपनी निजी संपत्तियों का अधिक से अधिक त्याग कर और धर्माथ कार्य के लिए उसे दान देकर परोपकार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बढ़ाई है, जिससे अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के परोपकार कार्यो को सहयोग मिलेगा।’