उत्तर प्रदेश और बिहार सहित देशभर के कुछ राज्यों में कथित तौर पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) बदले जाने की खबरों के बाद माहौल काफी गरमा गया है। सोशल मीडिया पर ईवीएम से भरी गाड़ियों के कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं। जिसके बाद राजनीतिक दलों की तरफ से इस मामले को लेकर प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। हालांकि चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ स्थानों पर ईवीएम की हेराफेरी के आरोपों को बेबुनियाद और पूरी तरह गलत बताते हुए कहा है कि ईवीएम पूरी हर तरह से सुरक्षित हैं और उसकी सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है।
इस बीच पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बयान जारी ईवीएम की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। साथ ही मुखर्जी ने इस मामले पर एक बयान जारी कर चुनाव आयोग को हिदायत दी है। प्रणब मुखर्जी ने लिखा, ‘मतदाताओं के फैसले के साथ छेड़छाड़ की रिपोर्ट्स को लेकर मैं चिंतित हूं। ईवीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है, जिसमें निगरानी में मशीनें रखी हुई हैं।’ उन्होंने कहा कि ऐसी कोई स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए, जब कोई हमारे लोकतंत्र को चुनौती दे सके। जनता का मत सर्वोपरि है और उसे किसी भी संदेह के दायरे से बाहर रखना चाहिए।
Please read my statement below.#CitizenMukherjee pic.twitter.com/UFXkbv06Ol
— Pranab Mukherjee (@CitiznMukherjee) May 21, 2019
गौतलब है कि सोमवार से सोशल मीडिया पर इन दोनों राज्यों के कुछ स्थानों पर ईवीएम को बदलने की रिपोर्टें आ रही हैं। इन रिपोर्टों को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने स्पष्टीकरण जारी कर ईवीएम की हेराफेरी के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है। आयोग के सूत्रों का कहना है कि आयोग के संबंधित अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, डुमरियागंज, झांसी और चंदौली तथा बिहार के सारण में ईवीएम की हेराफेरी की शिकायतों की जांच की और पाया कि वे स्ट्रांग रूम में पूरी तरह सुरक्षित हैं।
चुनाव आयोग ने ईवीएम को एक जगह से दूसरी जगह ले जाए जाने की खबरों पर एक बार फिर बयान जारी कर सफाई दी है। चुनाव आयोग ने कहा है कि मीडिया एक वर्ग में ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूप से हटा कर दूसरी जगहों पर ले जाने की खबरें आ रही हैं, लेकिन हमारा स्पष्ट रूप से कहना है कि इस तरह की रिपोर्ट्स पूरी तरह झूठी हैं। जिन मशीनों की तस्वीरें मीडिया वायरल हो रही हैं, उनमें से किसी का भी इस्तेमाल इस चुनाव में नहीं हुआ है।
EC: Complaints of alleged movement of EVMs, purportedly to replace polled EVMs in strongrooms, doing rounds in sections of media. Would like to unambiguously clarify that reports are absolutely false. Visuals seen viral on media do not pertain to any EVMs used during the polls. pic.twitter.com/i1K3HbFL8U
— ANI (@ANI) May 21, 2019
समाचार एजेंसी यूएनआई के मुताबिक, सूत्रों का कहना है कि गाजीपुर, डुमरियांगज, झांसी और चंदौली के रिटर्निंग अफसरों ने ईवीएम को सुरक्षित रखे जाने के बारे में अपनी रिपोर्ट राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारियों को सौंप दी है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि बाहर से किसी भी ईवीएम को न तो स्ट्रांग रूम में लाया गया है और न ही स्ट्रांग रूम में से किसी भी ईवीएम को बाहर ले जाया गया है। इस तरह से किसी भी ईवीएम की हेराफेरी नहीं की गई है।
बिहार के सारण में इस तरह की शिकायतों के बारे में आयोग का कहना है कि वहां के सभी राजनीतिक दलों के एजेंटों ने ईवीएम की सुरक्षा पर लिखित रूप से संतोष व्यक्त किया है। इससे पता चलता है कि वहां भी ईवीएम को लेकर किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है। सोशल मीडिया पर इस तरह की कई वीडियो वायरल हुए हैं, जिसमें दिखाया गया है कि कोई व्यक्ति ईवीएम को कहीं बाहर रख रहा है, तो कोई ईवीएम से लदी गाड़ी स्ट्रांग रूम के ईर्दगिर्द नजर आ रही है।
विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने दावा किया है कि यह गाड़ी स्ट्रांग रूम में घुसने की कोशिश कर रही थी, जिसे हमने पकड़ लिया है। कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि देश के कई हिस्सों में स्ट्रांगरूम से ईवीएम स्थानांतरित किए जाने की शिकायतों पर चुनाव आयोग को तत्काल प्रभावी कदम उठाना चाहिए। पार्टी के नेता राजीव शुक्ला ने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करना चुनाव आयोग का कर्तव्य है कि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष हो।