कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ शिकायतों पर कथित निष्क्रियता बरतने को लेकर चुनाव आयोग के खिलाफ सोमवार (29 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। कांग्रेस ने दावा किया कि दोनों नेताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान सैन्य अभियानों का प्रचार के रूप में इस्तेमाल किया है, लेकिन चुनाव आयोग ने विभिन्न शिकायतों के बावजूद उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की।
सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया है। इसमें पीएम मोदी और अमित शाह के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन के मामले को लेकर कार्रवाई की मांग की गई है। यह याचिका कांग्रेस की महिला विंग की अध्यक्ष और सांसद सुष्मिता देव ने दायर की थी। उनकी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को बीजेपी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दे। सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को इस पर सुनवाई करेगा।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि देव की याचिका पर कल यानी मंगलवार को सुनवाई होगी। देव की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील ए. एम. सिंघवी ने आरोप लगाया कि मोदी और शाह ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है और निर्वाचन आयोग उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। सिंघवी ने कहा कि देश में चार सप्ताह से आचार संहिता लागू है। प्रधानमंत्री और शाह कथित रूप से आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं।
#UPDATE: Supreme Court to hear tomorrow the petition filed by Congress MP Sushmita Dev, seeking urgent & necessary directions to the Election Commission to take a decision on the complaints filed against PM Modi & BJP President Amit Shah over alleged violations of electoral laws. https://t.co/1gGkJrMIne
— ANI (@ANI) April 29, 2019
आदर्श आचार संहिता बन गया है ‘मोदी कोड आफ कंडक्ट’
सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि दोनों नेताओं ने चुनाव के दौरान सभी दलों के लिए समान अवसर के मुद्दे पर ‘‘धोखा’’ किया है। उन्होंने इस पर निगरानीकर्ता, चुनाव आयोग की ‘‘चुप्पी’’ पर सवाल उठाया। उन्होंने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि हमें आचार संहिता उल्लंघनों के लिए कार्रवाई की मांग करते हुए अदालतों का रुख करने का अधिकार है। हम इस विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं। निगरानीकर्ता ने अपनी आंखें बंद कर ली है। सिंघवी ने कहा कि चुप्पी को मंजूरी समझा जा सकता है।
उन्होंने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस को यह कहते हुए दुख हो रहा है कि चुनाव आयोग के दूसरे शब्द से ‘सी’ हट गया है और वह मोदी-शाह जोड़ी के लिए ‘‘इलेक्शन ओमिशन’’ बन गया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या मोदी और शाह आचार संहिता के दायरे से बाहर हैं। उन्होंने आचार संहिता को ‘‘मोदी कोड आफ कंडक्ट’’ करार दिया। सिंघवी ने दावा किया कि दोनों नेताओं ने तीन श्रेणियों में आचार संहिता का व्यापक उल्लंघन किया है। (वोटों का ध्रुवीकरण, प्रचार में सशस्त्र बलों का उल्लेख करना और चुनाव वाले दिन रैलियां करना।)
उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव आयोग ने हमारी शिकायतों के आधार पर कई नेताओं के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के लिए कार्रवाई की है। हम इसकी सराहना करते हैं। चूंकि मिसाल कायम की गई है, मोदी और शाह के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई।’’ सिंघवी ने कहा कि हमें यह कहते हुए दुख हो रहा है कि जहां तक चुनाव आयोग के अधिकारक्षेत्र का सवाल है, आदर्श आचार संहिता का सवाल है तो मोदी..शाह की जोड़ी को एक तरह से खुली छूट है। उन्होंने कहा कि अभी ऐसे व्यक्ति नहीं हुए जिन्होंने अपने चुनावी लाभ के लिए चुनाव आयोग, आचार संहिता और संविधान के अस्तित्व पर आंखें बंद कर ली हों।