लगता है कि बिहार के महागठबंधन को बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि कीर्ति आजाद को दरभंगा की अपनी सीट से वंचित कर दिया गया है। बता दें कि बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन ने सीट बंटवारे को लेकर शुक्रवार (29 मार्च) घोषणा कर दी। सूची के अनुसार, आरजेडी 19 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि कांग्रेस को नौ सीटें, आरएलएसपी को पांच, एचएएम को तीन और वीआईपी को तीन सीट और सीपीआईएमएल को एक सीट आवंटित की गई है।

राज्य की चर्चित दरभंगा सीट आरजेडी के हिस्से आई है, जिसके बाद से यह सवाल उठने लगा है कि वहां से मौजूदा सांसद कीर्ति आजाद का अब क्या होगा? 2014 में दरभंगा से बीजेपी उम्मीदवार के रूप में सांसद चुने गए आजाद के अब सूबे में चुनाव लड़ने पर ही ग्रहण लग गया है। पिछले महीने ही बीजेपी से कांग्रेस में आए कीर्ति आजाद दरभंगा से लड़ना चाहते थे, लेकिन अब आरजेडी के अब्दुल बारी सिद्दीकी महागठबंधन के उम्मीदवार हैं। बता दें कि आजाद के पिता भगवत झा आजाद लंबे समय तक कांग्रेस से जुड़े रहे और वह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भी रहे चुके हैं।
राजद नेता और बिहार के पूर्व उम मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने घटक दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) सुप्रीमो मुकेश सहनी और अन्य महागठबंधन के नेताओं की उपस्थिति में आयोजित प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि काफी दिनों से सब इंतजार कर रहे थे कि महागठबंधन के उम्मीदवार कौन होंगे। गठबंधन में बिखराब की खबरें फैलाई गई हैं, लेकिन महागठबंधन अटूट है।
महागठबंधन में सीटों का हुआ बंटवारा
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के खाते में 19 सीटें- भागलपुर, बाका, मधेपुरा, दरभंगा, वैशाली, गोपाल गंज, सीवान, महाराजगंज, सारण, हाजीपुर, बेगूसराय, पाटलिपुत्र, बक्सर, जहानाबाद, नवादा, झंझारपुर, अररिया, सीतामढ़ी, शिवहर आई हैं। वहीं कांग्रेस को नौ सीटों- किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, समस्तीपुर, मुंगेर, पटना साहिब, सासाराम, वाल्मीकिनगर और सुपोर से चुनाव लड़ेगी।

इसके अलावा रालोसपा को पांच सीटें- पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, उजियारपुर, कराकत और जमुई दी गई हैं। जबकि हम को तीन सीटें- नालंदा, औरंगाबाद और गया की लोकसभा सीटें और वीआईपी पार्टी के खाते में तीन सीटें- मधुबनी, मुजफ्फपुर और खगड़िया गई हैं।


















