सुप्रीम कोर्ट और विपक्ष की तरफ से बढ़ते दबाव के बीच लोकसभा चुनावों से ठीक पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से देश का पहला लोकपाल नियुक्त किया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश पिनाकी चंद्र घोष (पीसी घोष) भारत के पहले लोकपाल बन सकते हैं। कहा जा रहा है कि घोष को देश का पहला लोकपाल बनाए जाने की रविवार को सिफारिश की गई। रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रख्यात कानूनविद मुकुल रोहतगी की चयन समिति ने उनका नाम तय किया और उसकी सिफारिश की। हालांकि, सरकार द्वारा उनकी नियुक्ति की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

रिपोर्ट की मानें तो लोकसभा में विपक्ष के नेता व कांग्रेस सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस बैठक में भाग नहीं लिया। वह भी समिति के सदस्य हैं। जस्टिस घोष जून 2017 से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के सदस्य हैं, वे 27 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए थे। घोष कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकपाल कमिटी की बैठक में हिस्सा लेने से इनकार करते हुए सरकार पर मनमानी का आरोप लगाया था। आपको बता दें कि लोकपाल नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश और विपक्ष के विरोध के बीच सरकार ने यह फैसला लिया है। लोकपाल कानून 2013 में पारित किया गया था जो कुछ श्रेणियों के लोकसेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच के लिए केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति का प्रावधान करता है।
भ्रष्टाचार विरोधी मशहूर कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने लोकपाल नियुक्ति में देरी के विरोध में आंदोलन का एक और दौर शुरू किया था, जिसके बाद लोकपाल के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। उन्होंने अपना आन्दोलन इस वादे के बाद समाप्त किया कि जल्द ही लोकपाल का गठन किया जाएगा। इस पद के लिए काफी आलोचनाओं के बीच लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आवेदन आमंत्रित किए गए थे।
नौ सदस्यीय लोकपाल चयन समिति की पहली बैठक इसके गठन के लगभग चार महीने बाद जनवरी में हुई थी। समिति में भारतीय स्टेट बैंक की पूर्व प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य, प्रसार भारती के अध्यक्ष ए. सूर्य प्रकाश और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख ए.एस. किरण कुमार सदस्य के रूप में शामिल हैं। (इनपुट- पीटीआई/आईएएनएस के साथ)