“सबरीमाला मामले में सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले अमित शाह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन राफेल भ्रष्टाचार मामले में शीर्ष अदालत ने मुझे सुनने से मना कर दिया”

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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (6 फरवरी) को कहा कि वह आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह को एक याचिका पर अदालत को संबोधित करने की अनुमति नहीं देगा, जिसमें 14 दिसंबर के राफेल फैसले की समीक्षा करने की मांग की गई है। शीर्ष अदालत ने आप सांसद संजय सिंह को एक याचिका पर अदालत को संबोधित करने की अनुमति नहीं देने की बात, शीर्ष अदालत के बारे में की गई कुछ टिप्पणियों पर आपत्ति जताते हुए कही।

सर्जिकल स्ट्राइक
फाइल फोटो

इसके बाद गुरुवार को संजय सिंह ने परोक्ष रूप से सुप्रीम कोर्ट की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सबरीमाला मंदिर, राम मंदिर सहित कई मामलों में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के खिलाफ खुलेआम अपमानजनक टिप्पणी करने वाले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन राफेल भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में मेरा गुनाह बताए बगैर मुझे सुनने से मना कर दिया।

आप सांसद ने ट्वीट कर लिखा है, “सबरीमाला, राम मंदिर कई मामलों में मा.सर्वोच्च न्यायालय के ख़िलाफ़ खुलेआम अपमान जनक टिप्पणी करने वाले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व अन्य नेताओं के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट ने कोई कार्यवाही नही की लेकिन राफ़ेल भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में मेरा गुनाह बताये बग़ैर मुझे सुनने से मना कर दिया।”

बता दें कि केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश करने की इजाजत देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर  अमित शाह ने देश की अदालतों को सलाह भी दी थी कि अदालतें व्यावहारिक हों और वैसे ही फैसले दें, जिन्हें अमल में लाया जा सके। उन्होंने कहा था कि सरकार और कोर्ट को ऐसे आदेश देने चाहिए, जिनका पालन हो सके। उन्हें आदेश ऐसे नहीं देने चाहिए जो लोगों की आस्था का सम्मान न कर सकें।

दरअसल, प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ ने बुधवार को राफेल से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान संजय सिंह के बारे में पूछा और वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने कहा कि वह उनका प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। न्यायमूर्ति गोगोई ने संजय सिंह द्वारा राफेल सौदे के संबंध में शीर्ष अदालत के बारे में की गई कुछ टिप्पणियों पर आपत्ति जताई और हेगड़े से कहा कि उनके मुवक्किल को समीक्षा याचिका पर बहस की अनुमति नहीं दी जाएगी।

हालांकि, बाद में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति गोगोई ने संकेत दिया कि वे संजय सिंह की समीक्षा याचिका पर अदालत को संबोधित करने के लिए एक न्यायमित्र की नियुक्ति कर सकते हैं। गोगोई ने मुख्य मामले की सुनवाई के दौरान कहा, “हम संजय सिंह के मामले में ऐसा कर सकते हैं।”

चोरी हो गए हैं राफेल के दस्तावेज

गौरतलब है कि सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राफेल विमान सौदे से संबंधित दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी किए गए हैं और याचिकाकर्ता इन दस्तावेजों के आधार पर विमानों की खरीद के खिलाफ याचिकायें रद्द करने के फैसले पर पुनर्विचार चाहते हैं। केंद्र सरकार का यह कहना कि रक्षा मंत्रालय से राफेल सौदे से जुड़े अहम दस्तावेज चोरी हो गए हैं, इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारी शर्मिंदगी हुई है।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने अपने दिसंबर, 2018 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी तथा अधिवक्ता प्रशांत भूषण की याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। पुनर्विचार याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि शीर्ष अदालत में जब राफेल सौदे के खिलाफ जनहित याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया तो केंद्र ने महत्वपूर्ण तथ्यों को उससे छुपाया था।

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