भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए इन दिनों नोबेल शांति पुरस्कार की मांग की जा रही है। भारत के साथ तनाव दूर करने की प्रधानमंत्री इमरान खान की कोशिशों को लेकर नोबेल शांति पुरस्कार के लिए उनका समर्थन करने के वास्ते पाकिस्तान की संसद में शनिवार को एक प्रस्ताव पेश किया गया।सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने शनिवार को निचले सदन नेशनल असेंबली के सचिवालय में यह प्रस्ताव सौंपा।
प्रस्ताव में कहा गया है कि भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर को रिहा करने के खान के फैसले से पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव दूर हुआ है। प्रस्ताव के मुताबिक खान ने तनाव की मौजूदा स्थिति में जिम्मेदाराना बर्ताव किया और वह नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं। इसे पारित करने की भी उम्मीद जताई जा रही है, क्योंकि सदन में सरकार के पास बहुमत है लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्य विपक्षी पार्टी इस कदम का समर्थन करती है या नहीं।
इस बीच पाकिस्तान के अलावा अब भारत में भी इमरान को नोबेल शांति पुरस्कार देने की आवाजें उठने लगी हैं। सिविल सेवा परीक्षा में 2010 में देशभर में अव्वल रहने के कारण खबरों में रहे जम्मू कश्मीर के पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने भी पाकिस्तानी पीएम इमरान खान को नोबेल का शांति पुरस्कार देने की मांग की है।
शाह फैसल ने ट्वीट कर कहा कि खान को नोबेल का शांति पुरस्कार दिया जाना चाहिए वो इसके हकदार हैं। ये पुरस्कार इमरान को भारत-पाक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है। फैसल ने ट्वीट कर कहा कि दक्षिण एशिया में पाकिस्तान की नई अमनपरस्त नीति के लिए इमरान खान को शांति का नोबेल पुरस्कार दिया जाना चाहिए।
A Nobel Peace Prize to @ImranKhanPTI could drastically change the way Pakistan operates in the South Asia region.
IK has already raised the bar for leadership in the region, and the Prize could encourage him to further nurture the India-Pak relationship.
He deserves the prize.
— Shah Faesal (@shahfaesal) March 2, 2019
उन्होंने कहा कि इमरान ने क्षेत्र (दक्षिण एशिया) के नेताओं के सामने लीडरशिप की एक मिसाल पेश की है, ऐसे में ये पुरस्कार उन्हें और अन्य नेताओं को भारत-पाक के बीच शांति कायम करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। बता दें कि पाकिस्तान में शुक्रवार को #NobelPeacePrizeForImranKhan भी ट्रेंड कर रहा था।
बता दें कि भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान करीब तीन दिनों तक पाकिस्तानी कैद में रहने के बाद पड़ोसी देश द्वारा भारत को सौंपे जाने के कुछ घंटों बाद शुक्रवार (1 मार्च) रात दिल्ली पहुंचे। जहां लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। शुक्रवार देर शाम अटारी-वाघा सीमा होते हुए भारत पहुंचे और इसके करीब ढाई घंटे बाद रात करीब पौने 12 बजे वह वायुसेना के एक विमान से नई दिल्ली पहुंचे। उनके भारतीय सीमा में प्रवेश करने पर यह पाया गया कि उनकी दाईं आंख के पास सूजन है।
एयर फोर्स सेंट्रल मेडिकल एस्टैबलिशमेंट (एएफसीएमई) में अभी उनकी मेडिकल जांच चल रही है। गौरतलब है कि उन्हें पाकिस्तानी अधिकारियों ने 27 फरवरी को पकड़ लिया था। दरअसल, पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों के साथ हुई एक झड़प के दौरान उनका मिग 21 गिर गया था। लेकिन उन्होंने अपने विमान के गिरने से पहले पाकिस्तानी वायुसेना के एफ- 16 को मार गिराया था। इस संघर्ष के परिणामस्वरूप विंग कमांडर अभिनंदन का पैराशूट सीमा पर आगे बढ़ गया और उन्हें पाकिस्तान ने गिरफ्तार कर लिया।