भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर की मदद से ‘रिपब्लिक टीवी’ की शुरूआत करने वाले एंकर और चैनल के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी अपने कथित पूर्वाग्रह को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार ट्रोल हो रहे हैं। अर्नब के चैनल ने बीजेपी के एजेंडों को जिस प्रकार से पिछले कुछ समय से समर्थन किया है उसे लेकर सोशल मीडिया यूजर्स और राजनीतिक पार्टियां उन पर लगातार निशाना साध रही हैं। गोस्वामी के चैनल पर कई ऐसी कथित फर्जी रिपोर्ट चलाने के आरोप लग रहे हैं, जिसके सहारे बीजेपी को चुनाव से पहले अपने हिंदुत्व एजेंडे को आगे बढ़ाने में मदद मिल रही है।
अब तो हालात यह हो गया है कि ‘रिपब्लिक टीवी’ को सरेआम ‘बीजेपी का चैनल’ कहकर संबोधित किया जाने लगा है। चैनल के रिपोर्टरों को सार्वजनिक जगहों पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में इसका एक ताजा उदाहरण उस वक्त देखने को मिला जब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को सरेआम पूरी मीडिया के सामने अर्नब की एक महिला रिपोर्टर के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया और रिपब्लिक टीवी को ‘बीजेपी का चैनल’ घोषित कर दिया।
सोशल मीडिया पर ममता द्वारा रिपब्लिक टीवी को बीजेपी का चैनल करार देने वाला वीडियो काफी वायरल हो रहा है।वीडियो में दिख रहा है कि ‘रिपब्लिक टीवी’ की एक महिला रिपोर्टर जैसे ही अपने चैनल का जिक्र कर ममता बनर्जी से सवाल पूछने की कोशिश करती है वह भड़क जाती हैं और रिपोर्टर पर बीजेपी के समर्थन में खबरें चलाने का आरोप लगा रही हैं। रिपब्लिक टीवी का नाम सुनते ही ममता कह रही हैं, ‘बाप रे…’उन्होंने कहा कि भाई आप लोग सबको (विपक्षी नेताओं को) इतना बेइज्जती क्यों करते हो?
ममता ने अर्नब के चैनल पर विपक्षी पार्टियों के खिलाफ नाकारात्मक और बीजेपी के समर्थन में अच्छी खबरें चलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आपका चैनल केवल बीजेपी का है। यह घटना उस वक्त का है जब मंगलवार को सीबीआई बनाम कोलकाता पुलिस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सभी पत्रकार ममता बनर्जी से सवाल पूछ रहे थे। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है। वहीं, ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के यूट्यूब चैनल पर भी इस वीडियो को अपलोड किया गया है।
बता दें कि कोलकाता पुलिस के प्रमुख राजीव कुमार से सारदा चिटफंड घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई द्वारा पूछताछ करने की कोशिशों के खिलाफ रविवार (3 फरवरी) शाम से ही धरने पर बैठीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आखिरकार मंगलवार (5 फरवरी) रात अपना धरना समाप्त कर दिया। धरने को तीसरे दिन खत्म करते हुए ममता ने कहा कि वह ऐसा विपक्षी की अहम पार्टियों के नेताओं के साथ सलाह-मशविरे और सुप्रीम कोर्ट से अनुकूल आदेश आने के बाद कर रही हैं।