ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बहन व प्रसिद्ध लेखिका गीता मेहता ने सरकार की तरफ से दिया गया ‘पद्म श्री’ सम्मान स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को ही उनके नाम की घोषणा की थी। गीता ने अवॉर्ड लेने से इनकार करते हुए कहा है कि यह अवॉर्ड लेने का सही समय नहीं है, क्योंकि लोकसभा चुनाव आने वाले हैं। मेहता ने इस संबंध में एक बयान जारी कर कहा कि यह कदम सरकार और उनके लिए शर्मिंदगी का सबब बन सकता है।

गीता मेहता ने न्यूयॉर्क से एक बयान जारी करते हुए कहा, ‘मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूं कि भारत सरकार ने मुझे पद्म श्री जैसे सम्मान के लायक समझा। लेकिन अफसोस के साथ मुझे इसे लेने से इनकार करना पड़ रहा है। देश में आम चुनाव नजदीक हैं और अवॉर्ड की टाइमिंग से समाज में गलत संदेश जाएगा, जो मेरे और सरकार दोनों के लिए शर्मिंदगी की बात होगी। इसका मुझे हमेशा अफसोस रहेगा।’
मोदी सरकार ने साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान के लिए गीता को देश के चौथे सबसे बड़े सम्मान पद्मश्री के लिए चुना था। मेहता ने पिछले 40 वर्षों में कई शानदार किताबें लिखी हैं। वे न्यूयॉर्क में रहती हैं। होम मिनिस्ट्री ने उन्हें फॉरेनर कैटिगरी में पुरस्कार से नवाजा है। सूत्रों का कहना है कि उनके पास भारतीय पासपोर्ट है और वे भारत की नागरिक हैं।
बता दें कि कुछ महीने पहले गीता और उनके पति सोनी मेहता ने कथित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। करीब डेढ़ घंटे चली इस मुलाकात को लोकसभा चुनाव से पहले नवीन पटनायक को बीजेपी के करीब लाने की कोशिश की तरह देखा गया था।