हाल ही में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में भीड़ हिंसा में एक पुलिस अधिकारी की मौत के कुछ दिन बाद ही अब यूपी के गाजीपुर में भी ऐसी ही एक दर्दनाक घटना घटी है। शनिवार को कथित तौर पर निषाद पार्टी और एसबीएसपी से ताल्लुक रखने वाले प्रदर्शनकारियों के एक समूह द्वारा किए गए हमले में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई। पुलिसवालों पर यह हमला उस वक्त हुआ जब वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से ड्यूटी कर लौट रहे थे। मारे गए कांस्टेबल का नाम सुरेश वत्स है। वहीं दो पुलिसवाले घायल बताए जा रहे हैं।

इस मामले में अब पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने 32 लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया गया है। वहीं 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं। गाजीपुर के सीओ सिटी एमपी पाठक ने बताया कि कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, मृतक कांस्टेबल सुरेश वत्स के बेटे वीपी सिंह ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर ही सवाल उठा दिए हैं।
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए शहीद कांस्टेबल के बेटे ने कहा, “पुलिस खुद की सुरक्षा नहीं कर पा रही है। ऐसे में हम उनसे और क्या उम्मीद कर सकते हैं? अब हम मुआवजे का क्या करेंगे? इससे पहले बुलंदशहर और प्रतापगढ़ में भी ऐसी ही घटना हुई थी।
VP Singh, son of deceased constable Suresh Vats who died in Ghazipur in a stone pelting incident y'day: Police is not being able to protect their own. What can we expect from them?What will we do with compensation now?Earlier,similar incidents took place in Bulandshahr&Pratapgarh pic.twitter.com/2xgarpIDXB
— ANI UP (@ANINewsUP) December 30, 2018
क्या है मामला?
सुरेश वत्स नाम का ये कांस्टेबल स्थानीय नोनहारा पुलिस स्टेशन पर तैनात था। शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी की रैली स्थल पर उसकी ड्यूटी लगी थी। सुरेश वत्स और उनकी टीम जब वापस लौट रही थी तो रास्ते में निषाद समुदाय के लोग आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस टीम ने लोगों को रास्ते से हटाने की कोशिश की, तो भीड़ ने पत्थर फेंकना शुरू कर दिया, जिसमें कांस्टेबल सुनील वत्स की मौत हो गई। आपको बता दें कि इससे पहले 3 दिसंबर को बुलंदशहर में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गाजीपुर में रैली थी और वहां से लौट रही गाड़ियों पर शनिवार शाम को भीड़ द्वारा पथराव किया गया। इस पथराव में घायल पुलिसकर्मी सुरेश कुमार वत्स की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक घटना गाजीपुर जिले के गाजीपुर कठवा मोड़ के पास की है, जहां कुछ निषाद पार्टी के लोग प्रर्दशन कर रहे थे जब उन्होंने भीड़ को समझाने की कोशिश की तो वो उग्र हो गई। इस दौरान पुलिस पर पथराव कर दिया और पथराव इतना भीषण था कि पुलिस कांन्सेटबल सुरेश वत्स की मौत हो गई।
50 लाख रुपये का मुआवजा
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मृतक सिपाही के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने का ऐलान किया गया है। मृतक जवान मुकेश वत्स की पत्नी को 40 लाख रुपये और उनके माता-पिता को 10 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। मुकेश की पत्नी को असाधारण पेंशन और परिवार के एक सदस्य को मृतक आश्रित के तौर पर सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया गया है।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिपाही मुकेश वत्स की मौत पर शोक व्यक्त किया है। साथी ही उन्होंने गाजीपुर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। आपको बता दें कि योगी राज में सुरेश वत्स हाल के वक्त में भीड़तंत्र का निशाना बने दूसरे पुलिसवाले हैं। उनसे पहले 3 दिसंबर को बुलंदशहर में भीड़ को शांत कराने पहुंचे इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की भी सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।