राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी यह मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस ने CAG (कॉम्पट्रोलर ऐंड ऑडिटर जनरल) की रिपोर्ट को आधार बनाकर हमले शुरू कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राफेल डील पर मचे सियासी घमासान के बीच मोदी सरकार शनिवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंची और अपने हलफनामे में ‘तथ्यात्मक गलती’ को माना है।
File Photo: TOIकेंद्र सरकार ने याचिका दाखिल कर राफेल डील पर दिये गए फैसले में एक ”तथ्यात्मत सुधार” की मांग की है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से फैसले के उस पैराग्राफ में संशोधन की मांग की है, जिसमें कैग (CAG) रिपोर्ट और संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के बारे में संदर्भ है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की बात कही है।
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का कहा, ‘मीडिया के अनुसार, अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि उन्होंने ऐफिडेविट तैयार नहीं किया है। मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री को इसकी जांच करनी चाहिए क्योंकि इससे उन्हें शर्मिंदा होना पड़ रहा है कि हम अंग्रेजी में एक ड्राफ्ट तक तैयार नहीं कर सकते हैं। अगर ऐसा है तो ये लोग उसे हिंदी भाषा में भी दे सकते थे।
सुब्रमण्यम स्वामी ने आगे कहा, जब भी ऐफिडेविट सील कवर में सौंपा जाता है तो सवाल उठते ही हैं, इस बार उन्होंने फैसले में सौंपे जाने का खुलासा किया, नहीं तो हमें पता ही नहीं चलता। अगर जजों ने अपना फैसला इस एफिडेविट के आधार पर दिया है तो इससे न्याय प्रक्रिया पर असर पड़ता है।
Subramanian Swamy: Questions are natural, whenever an affidavit is submitted in a sealed cover… this time by chance they revealed the submissions in judgement otherwise we wouldn’t have come to know. If the judges base their judgement on this, it hampers justice #RafaleVerdict https://t.co/9JCjjqnKTK
— ANI (@ANI) December 16, 2018
बता दें कि सरकार ने ऐसे वक्त याचिका दायर की है जब विपक्षी कांग्रेस और अन्य ने मुद्दे पर सवाल उठाए हैं और सरकार पर कैग रिपोर्ट को लेकर शीर्ष न्यायालय को गुमराह करने के आरोप लगाए हैं।
बता दें कि मोदी सरकार को बड़ी राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा था कि वह राफेल लड़ाकू विमान सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया से ‘संतुष्ट’ है। सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि सरकार की ओर से कहा गया है कि इस मामले की रिपोर्ट कैग को दी गई दी गई है जिसकी जानकारी पीएसी को भी है।
शीर्ष अदालत ने जांच की मांग खारिज कर दी जिसके बाद इस फैसले को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि उसे फ्रांस से 36 विमान खरीदने के ‘संवेदनशील मुद्दे’ में हस्तक्षेप का कोई कारण नहीं लगता।
लेकिन राहुल गांधी ने प्रेस कॉफ्रेंस करके दावा किया कि कोई भी रिपोर्ट पीएसी के सामने नहीं रखी गई और खुद पीएसी के मुखिया मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसकी पुष्टि की है। राहुल ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के गुमराह किया और इस मामले में कोर्ट को गलत जानकारी दी।