असम: कथित रूप से अपहरण और यौन उत्पीड़न के आरोप में रिपब्लिक टीवी के रिपोर्टर को हिरासत में लिया गया, दबाव के बाद छोड़ दिया गया

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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर के साथ मिलकर अंग्रेजी न्यूज चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ की स्थापना करने वाले चैनल के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी के एक रिपोर्टर को हाल ही में अपहरण और यौन उत्पीड़न के आरोप में असम पुलिस ने गिरफ्तार किया था। लेकिन, स्थानीय पुलिस ने बाद में उसे छोड़ दिया। रिपोर्टर को छोड़ने के बाद आरोप लगाया जा रहा है कि राज्य में बीजेपी की सरकार है इसलिए वहां की पुलिस दबाव में काम कर रहीं है।

दरअसल, एक महिला पत्रकार के शिकायत दर्ज कराने के बाद 1 दिसंबर की रात को अंग्रेजी न्यूज चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ के असम संवाददाता अनिरुद्ध भक्त चुटिया (Aniruddha Bhakat Chutia) को पुलिस ने हिरासत में लिया था, लेकिन अगले ही दिन कथित रूप से ‘दबाव में’ होने के चलते उसे छोड़ दिया गया। Northeast Now वेबसाइट के मुताबिक, गुवाहाटी स्थित एक महिला पत्रकार ने कथित रूप से अपहरण और यौन उत्पीड़न के लिए ‘रिपब्लिक टीवी’ के रिपोर्टर अनिरुद्ध भक्त चुटिया के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। उन्होंने अपने सहयोगियों के द्वारा पुलिस से संपर्क किया था।

वेबसाइट के मुताबिक शिकायतकर्ता ने कहा कि, मैंने 1 दिसंबर की रात में अनिरुद्ध के खिलाफ शिकायत दायर की थी, लेकिन पुलिस ने आज तक मेरा बयान दर्ज नहीं किया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने शिकायत दायर करने के दो दिन बाद धारा 161 के तहत बयान दर्ज किया।

इस मामले के जांच अधिकारी (आईओ) भाग्य देका ने महिला पत्रकार द्वारा किए गए दावों की पुष्टि की है, लेकिन उन्होंने कहा कि उनके ‘उप-निरीक्षकों में से एक ने बयान दर्ज किया’ क्योंकि वह वहां उपस्थित नहीं थे। हालांकि, पुलिस के पास इसका कोई संकेत नहीं है कि उनका बयान मजिस्ट्रेट के सामने क्यों दर्ज नहीं किया गया।

वेबसाइट के मुताबिक पीड़ित ने कहा कि जब मैं कार्यालय से अपने घर जा रहीं थी तभी आरोपी अनिरुद्ध भक्त ने मुझे शहर के छः मील दूर जैनगर में एक घर ले गया। वहां उसने मुझे बंद कर दिया। साथ ही पीड़िता ने आरोप लगाया कि इसके बाद उसने पहले शारीरिक रूप से मुझ पर हमला किया और जब मैंने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने यौन उत्पीड़न किया।

दिसपुर पुलिस स्टेशन के एसएचओ बिरेन बरुआ ने ‘जनता का रिपोर्टर’ से बात करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं थी। हम किसी के दबाव में काम नहीं कर रहे हैं। हमने आरोपियों को गिरफ्तार किया था और मामला वर्तमान में अदालत में है इसलिए इस मामले में हम आपको ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते है।

वहीं, पत्रकार अनिरुद्ध भक्त ने ‘जनता का रिपोर्टर’ से बात करते हुए कहा कि पीड़िता के आरोप गलत है और पुलिस इस मामले की जांच कर रहीं है। मैं इस जांच में पुलिस का पूरा सहयोग करूंगा और जब पुलिस मुझे थाने बुलाएंगी में जाउगा।इससे ज्यादा इस पूरे मामले में कुछ नहीं कहना चाहता हूं।

इस मामले में आश्चर्यजनक बात यह है कि पीड़िता के शिकायत के बाद आरोपी युवक को हिरासत में लिया गया था लेकिन बाद में उसे रिहा कर दिया गया। जांच अधिकारी ने कहा कि अभी इस मामले की जांच की जा रहीं है। यदि आवश्यकता हुई तो हम उसे पुलिस स्टेशन बुलाएंगे और समय-समय पर अदालत में चार्जशीट दायर की जाएगी।

इस बीच, शिकायतकर्ता ने द वायर वेबसाइट को बताया कि पुलिस दबाव में काम कर रही है इसलिए उसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए बिना उसे हिरासत से छोड़ दिया गया।

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