अगस्टा-वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाला मामले में भारतीय अधिकारियों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। 3,600 करोड़ रुपये के इस VVIP चॉपर सौदे के कथित बिचौलिए और ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल को दुबई से प्रत्यर्पित मंगलवार (4 दिसंबर) रात भारत लाया गया। अगस्ता वेस्टलैंड मामले के बिचौलिए मिशेल को गल्फस्ट्रीम जेट से मंगलवार रात करीब दस बजकर 35 मिनट पर भारत लाया गया। सीबीआई ने मंगलवार को यह जानकारी दी। ईडी ने मिशेल ने इस डील कराने के बदले अगस्ता वेस्टलैंड से 225 करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया था।
(Indian Express Photo by Praveen Khanna)मिशेल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के दिशानिर्देश में चले अभियान के तहत भारत प्रत्यर्पित किया गया। सीबीआई ने कहा कि दुबई से मिशेल को लाने के इस अभियान में समन्वय सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव ने किया। एजेंसी के संयुक्त निदेशक साई मनोहर के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम दुबई गई। दुबई सरकार ने उसे प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी है। इससे पहले इस कदम के खिलाफ की गई उसकी अपील को वहां की एक अदालत ने खारिज कर दिया था।
Delhi: Christian Michel, alleged middleman in AgustaWestland chopper deal, brought to CBI headquarter after being extradited from UAE pic.twitter.com/mBNqF6BpQd
— ANI (@ANI) December 4, 2018
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने बताया कि हेलीकॉप्टर घोटाले में अगस्ता वेस्टलैंड को ठेका दिलाने और भारतीय अधिकारियों को गैरकानूनी कमीशन या रिश्वत का भुगतान करने के लिए बिचौलिए के तौर पर मिशेल की संलिप्तता 2012 में सामने आई। मिशेल जांच के लिए वांछित था लेकिन वह फरार हो गया और जांच में शामिल होने से बच रहा था। उसके खिलाफ पिछले साल सितंबर में आरोपपत्र दायर किया गया। नई दिल्ली के पटियाला हाउस में सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश ने 24 सितंबर 2015 की तिथि वाला खुला गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जिससे फरवरी 2017 में उसे दुबई में गिरफ्तार कर लिया गया। मिशेल अगस्ता वेस्टलैंड मामले में भारत में आपराधिक कार्यवाही से बच रहा था। मिशेल (57) दुबई में अपनी गिरफ्तारी के बाद से जेल में था। उसे यूएई में कानूनी कार्यवाही के लंबित रहने तक हिरासत में भेज दिया गया था। दुबई कोर्ट ऑफ कैसेशन ने उसकी दो आपत्तियों को खारिज कर दिया। भारत के सक्षम प्राधिकारियों को उसे प्रत्यर्पित करने की संभावना पर विचार करने के अपीलीय अदालत के फैसले को बरकरार रखा।
ईडी ने जून 2016 में मिशेल के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी। इसमें कहा गया था कि उसने अगस्ता वेस्टलैंड से करीब 225 करोड़ रुपये प्राप्त किए। ईडी ने कहा था कि यह पैसा और कुछ नहीं, बल्कि कंपनी द्वारा 12 हेलीकॉप्टरों के समझौते को अपने पक्ष में कराने के लिए वास्तविक लेन-देन के ‘नाम पर’ दी गई ‘रिश्वत’ थी। फरवरी 2017 में उसे UAE में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। मिशेल के वकील ने आरोप लगाया था कि CBI उनके क्लाइंट पर दबाव बना रही है। हालांकि जांच एजेंसी ने इन आरोपों से साफ इनकार किया था।
जनवरी 2014 में भारत ने इस सौदे से इनकार कर दिया था। सीबीआई के मुताबिक इस डील में 2,666 करोड़ रुपये का नुकसान का नुकसान हो रहा था। यह सौदा 8 फरवरी 2010 को किया गया था। इसके तहत रक्षा मंत्रालय के जरिए ब्रिटेन की अगस्तावेस्टलैंड इंटरनेशनल लि से 556.262 मिलियन यूरो में 12 हेलिकॉप्टर खरीदे जाने थे।
सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने यहां बताया कि माइकल ने सह-आरोपियों के साथ मिलकर आपराधिक षडयंत्र रचा। इसके तहत लोक सेवकों ने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की ऊंचाई 6000 मीटर से घटाकर 4500 मीटर कर अपने सरकारी पद का दुरुपयोग किया। उन्होंने कहा कि माइकल अगस्ता वेस्टलैंड मामले में भारत में आपराधिक कार्यवाही से बच रहा था।