सबरीमाला मंदिर विवाद: ‘सैनेटरी पैड’ वाले बयान पर घिरीं स्मृति ईरानी, केंद्रीय मंत्री के खिलाफ बिहार में परिवाद पत्र दायर

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बिहार के सीतामढ़ी जिले की एक अदालत में केरल के सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बयान पर उनके खिलाफ गुरूवार को एक परिवाद पत्र दायर किया गया। अधिवक्ता ठाकुर चंदन सिंह ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सरोज कुमारी की अदालत में स्मृति इरानी और महिलाओं के प्रवेश के विरोध में उक्त मंदिर के सामने प्रदर्शन कर रहे अज्ञात लोगों के खिलाफ भादवि की धारा 295 ए, 353, 124 ए, 120 बी आदि के तहत परिवाद पत्र दायर किया है।

File Photo: PTI

समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, सिंह ने अपने परिवाद में आरोप लगाया कि स्मृति ईरानी का पूरी नारी जाति को अपवित्र कहना महिलाओं की मर्यादा के खिलाफ और यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनादर है। उल्लेखनीय है क‍ि सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग के महिलाओं को प्रवेश की अनुमत‍ि दी थी लेकिन न्यायालय के फैसले का विरोध हो रहा है।

ईरानी ने इसको लेकर बयान दिया था कि अगर आप माहवारी के दिनों में खून से सना सिनेटरी नैपकिन लेकर अपने दोस्तों के घर नहीं जा सकते हैं उस हालत में मंदिरों में भी नहीं जाना चाहिए। सबरीमला मंदिर की पुरानी परंपरा के अनुसार 10 से 50 वर्ष की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं थी।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, स्मृति ईरानी ने कहा था, ‘‘मैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ बोलने वाली कोई नहीं हूं, क्योंकि मैं एक कैबिनेट मंत्री हूं। लेकिन यह साधारण-सी बात है क्या आप माहवारी के खून से सना नैपकिन लेकर चलेंगे और किसी दोस्त के घर में जाएंगे। आप ऐसा नहीं करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, ‘‘क्या आपको लगता है कि भगवान के घर ऐसे जाना सम्मानजनक है? यही फर्क है। मुझे पूजा करने का अधिकार है लेकिन अपवित्र करने का अधिकार नहीं है। यही फर्क है कि हमें इसे पहचानने तथा सम्मान करने की जरूरत है।” हालांकि केंद्रीय मंत्री ने साफ किया कि यह सभी उनकी व्यक्तिगत राय है।

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