सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को पद से हटाए जाने को लेकर विपक्षी दलों ने बुधवार को सरकार पर तीखा हमला बोला। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह फैसला “राफेल फोबिया” के कारण लिया गया क्योंकि वह (आलोक वर्मा) राफेल विमान सौदे से जुड़े कागजात एकत्र कर रहे थे। कांग्रेस ने सीबीआई के निदेशक को छुट्टी पर भेजे जाने को एजेंसी की स्वतंत्रता खत्म करने की अंतिम कवायद बताया है। उधर, केंद्र सरकार ने इस कार्रवाई का बचाव करते हुए इसे ‘अपरिहार्य’ बताया। सरकार ने दलील दी है कि सीबीआई के संस्थागत स्वरूप को बरकरार रखने के लिए यह कार्रवाई जरूरी थी।
आपको बता दें कि विवाद के केंद्र में आए आलोक वर्मा और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति के मंगलवार देर रात जारी आदेश पर अवकाश पर भेज दिया गया। प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली नियुक्ति समिति ने मंगलवार की रात में आदेश जारी कर एजेंसी के निदेशक का प्रभार संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को सौंप दिया।
इस बीच कांग्रेस के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सीबीआई की आंतरिक कलह के लिए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी के 2013 के एक ट्वीट को रीट्वीट किया है। इस ट्वीट में पीएम मोदी ने यूपीए सरकार पर देश के खुफिया तंत्र को कथित तौर पर कमजोर करने का आरोप लगाया था। सीएम केजरीवाल ने कई ट्वीट करके सीबीआई निदेशक को छुट्टी पर भेजने के मोदी सरकार के अधिकार पर सवाल उठाया और साथ ही संदेह जताया कि कहीं यह कदम राफेल सौदे से जुड़ा तो नहीं है।
केजरीवाल ने मोदी द्वारा पांच जून 2013 में किए गए ट्वीट को रीट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा था, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने की इच्छा के चलते केंद्र खुफिया तंत्र को कमजोर कर रहा है और सीबीआई, आईबी अधिकारियों से पूछताछ कर रही है।’’ आपको बता दें कि उस ममय देश में यूपीए का शासन था।
Unfortunate that in its quest to target political opponents, Centre is undermining intelligence systems with CBI questioning IB officials.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 5, 2013
केजरीवाल ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘सीबीआई निदेशक को छुट्टी पर भेजने के पीछे की वजह क्या है? लोकपाल अधिनियम के तहत नियुक्त किए गए एक जांच एजेंसी के प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार मोदी सरकार को किस कानून के तहत मिला है। मोदी क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हैं?’
वहीं, बुधवार शाम केजरीवाल ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने देर रात तीन बजे सीबीआई के निदेशक को बर्खास्त कर दिया। क्या आप यह जानते हैं? क्यों? मैं बताता हूं क्योंकि मोदी सरकार एक राफेल लड़ाकू विमान 1,500 करोड़ रुपए में खरीद रही है। पहले इसका मूल्य 546 करोड़ रुपए था। वे 36 राफेल विमान खरीदने में 36,000 करोड़ रुपए का घेाटाला कर रहे हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जब सीबीआई के निदेशक (आलोक वर्मा) , जो इमानदार व्यक्ति हैं, ने इस मामले की जांच शुरू की तो अचानक रात तीन बजे उन्हें हटा दिया गया।’’ आपको बता दें कि इस समय देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) खुद सवालों के घेरे में आ गई है। सीबीआई के दो सीनियर अधिकारी एक दूसरे के ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं।
सीबीआई में आतंरिक कलह के मद्देनजर मोदी सरकार ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया है। वहीं संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को तत्काल प्रभाव से अंतरिम निदेशक नियुक्त कर दिया है। ओडिशा कैडर के 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी राव ने मंगलवार रात ही पदभार संभाल लिया।