जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में शुक्रवार (21 सितंबर) को आतंकियों ने तीन पुलिसकर्मियों को अगवा कर उनकी हत्या कर दी है। एक अगवा नागरिक को आतंकियों ने छोड़ दिया है। तीनों पुलिसकर्मियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। आतंकियों ने शोपियां जिले से 3 एसपीएओ समेत चार पुलिसकर्मियों का अपहरण किया था। इससे पहले मंगलवार को पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू के समीप अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान को कई गोली मारने के बाद उसका गला रेत दिया।
Photo: REUTERSबीएसएफ जवान नरेंद्र सिंह के बाद तीन पुलिसकर्मियों की बर्बरता के साथ हत्या से देश भर में तनाव है। विपक्ष के साथ-साथ सोशल मीडिया पर लोगों ने सरकार से जवानों की सुरक्षा को लेकर सवाल करते हुए हमला बोला है। साथ ही जवानों और पुलिसकर्मियों की हत्या को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर लोग सवाल उठा रहे हैं। दरअसल, सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा सक्रिय रहने वाले पीएम मोदी बीएसएफ जवान और तीन पुलिसकर्मियों की हत्या पर खबर लिखे जाने तक एक भी ट्वीट नहीं किया है।
वियतनाम के राष्ट्रपति के निधन और ‘मन की बात’ पर ट्वीट किया, लेकिन जवानों की शहादत पर नहीं
हालांकि पीएम मोदी ने PM मोदी ने वियतनाम के राष्ट्रपति के निधन पर ट्वीट कर शोक व्यक्त किया है। बता दें कि वियतनाम के राष्ट्रपति त्रान दाई क्वांग का गंभीर बीमारी के बाद 61 साल की उम्र में शुक्रवार को निधन हो गया। आधिकारिक वियतनाम न्यूज एजेंसी ने शुक्रवार को बताया कि राष्ट्रपति त्रान का सैन्य अस्पताल में 21 सितंबर सुबह 10 बज कर पांच मिनट पर निधन हो गया।
Deepest and heartfelt condolences to the Party, nation and people of Vietnam, and to the family of Member of the Politburo and President of the Socialist Republic of Vietnam H.E. Mr. Trần Dai Quang. pic.twitter.com/ox4WRSDEA8
— Narendra Modi (@narendramodi) September 21, 2018
The #MannKiBaat programme this month will take place on 30th. I request you all to share your thoughts and ideas for the same. Do so on the ‘Narendra Modi Mobile App’ or dial 1800-11-7800 and record your message. You can also write on the MyGov Open Forum. https://t.co/ywdm0HQD2E
— Narendra Modi (@narendramodi) September 21, 2018
इसके अलावा पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ को लेकर भी ट्वीट किया है। लोगों का कहना है कि पीएम मोदी वियतनाम के राष्ट्रपति के निधन पर शोक जताने और मन की बात के लिए समय निकाल लेते हैं, लेकिन सैनिकों और पुलिसकर्मियों की मौत पर चुप्पी साध लेते हैं। कुछ लोग मोदी का प्रधानमंत्री बनने से पहले का वीडियो शेयर कर रहे हैं, जिसमें वह जवानों के शहीद होने पर तत्कालीन मनमोहन सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
देखें, सोशल मीडिया पर लोगों के रिएक्शन
Where is this man hiding ? Neither has the courtesy nor the guts to offer condolences or condemn the murder by terrorists. pic.twitter.com/MrLzaMGcL4#Shopian
— Dr Luttapi (@DrLuttapi) September 21, 2018
1. BSF jawan eyes gouged, throat slit, barbaric mutilation.
2. 3 police officers brutally murdered.
6. 6 Police officers resigned.
Why is Modi so scared to condemn the act or offer condolences? Why the maun mode?
Is Modi the weakest ever PM. Please Vote & RT
— Dr Luttapi (@Mayavi101) September 21, 2018
पैट्रॉल-डीजल पर भारी टैक्स लगाकर आपकी सरकार मुनाफाखोर साहूकार की तरह व्यवहार क्यों कर रही है? पाकिस्तान देश के जवानों को शहीद करके शवों के साथ बर्बरता कर रहा है, पाकिस्तान को कड़ा जवाब कब दोगे? 4 साल पहले किया कोई वादा0पूरा नहीं किया, क्यों? मन की बात बहुत हुई, अब जन की बात सुनो।
— S.S.Bishnoi (@ssbishnoi07) September 21, 2018
सर जी पहले इस सैनिक के साथ की गई बर्बरता का कायर पाकिस्तान को जवाब दीजिए..!! बहुत बोला चुनाव से पहले आपने अब वक्त अा गया है करने का… प्लीज़ आपका 56 इंच का सीना पूरा भारत देखना चाहता है…बदला लीजिए pic.twitter.com/PY5tlV5oQw
— कट्टर इंसान?? (@ImSurya2510) September 21, 2018
बीएसएफ जवान को घंटों तड़पाया, गला रेता, टांग काटी, आंख निकाली फिर मारी दो गोलियां!
अब दल्ले मीडिया वाले कब मोदी जी के पुराने वादे दिखाएंगे, सुधीर देखो DNA मोदी जी का DNA बदल तो नही गया ??
कहा गई वो लाल आंखे कब आएगा 1 के बदले 10 सिर ??
— बेबाक़ आवाज़ (@AbhisarSir) September 21, 2018
साहब मन की बात पर ट्वीट कर सकते है.. जवान के लिए नहीं.. मेरा भाषण ही मेरा शासन है.. जिंदगी में भारतीय जनता पार्टी को वोट नहीं दूँगा.. जब मोदी जी जरूरी मुद्दों पर चुप ही रहते है तो इनमे और मनमोहन सिंह मे फ़र्क़ क्या रहा.. कम से कम वो केक खाने पाकिस्तान तो नहीं गए थे. pic.twitter.com/m4AQgIFzlk
— Sourabh Pandey (@Sourabh65822008) September 21, 2018
News : जम्मू-कश्मीर: शोपियां में 3 जवानों की अगवा कर हत्या, पुलिसकर्मी दे रहे इस्तीफा
"मोदी के राज में कश्मीर के हालात लगातार बद से बदतर होते जा रहे है अब तो वहां पुलिस और सेना भी सुरक्षित नहीं रही आम नागरिक को भूल ही जाओ"#मोदी_नाकाम#जुमला_सरकार@nsuihttps://t.co/8AS8Qsp2dh— ??RAJEEV SHARMA ??INC (@rajs077) September 21, 2018
लगातार सुरक्षा में लगे जवानों के अपहरण, फिर निर्मम हत्या,
पाक परस्त आतंक की
हो गई अब इंतेहा,शहादतों की कितनी और
होगी अब इम्तेहां ? ??मोदी जी,
लगता है कि आप,
वो छप्पन इन्च
वो लाल आँख,
वो “देश नहीं झुकने दूँगा”
के चुनावी भाषण,भूल गये?
पर देश नहीं भूला है। https://t.co/46xBFIidUV
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 21, 2018
आतंकवादियों ने की तीन पुलिसकर्मियों की हत्या
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने तीन पुलिसकर्मियों को अगवा कर उनकी हत्या कर दी है। एक अगवा नागरिक को आतंकियों ने छोड़ दिया है। जम्मू-कश्मीर में शोपियां जिला के एक बाग से शुक्रवार (21 सितंबर) सुबह तीन पुलिसकर्मियों का शव बरामद किया गया। इसके कुछ घंटे पहले तड़के ही आतंकवादियों ने इन पुलिसकर्मियों को उनके घरों से अगवा किया था। मारे गए पुलिसकर्मियों की पहचान कांस्टेबल निसार अहमद, दो विशेष पुलिस अधिकारियों- फिरदौस अहमद और कुलवंत सिंह के तौर पर हुई है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन्हें शुक्रवार सुबह बाटागुंड और कापरान गांव स्थित उनके घरों से अगवा किया गया था।उन्होंने बताया कि अगवा किए गए लोगों को बचाने के लिए सुरक्षा बलों ने गहन तलाश अभियान शुरू किया लेकिन आतंकवादियों ने गोली मार कर उनकी हत्या कर दी। पुलिसकर्मियों के शव वंगम इलाके में एक बाग से बरामद किए गए।आतंकियों के इस कदम से कश्मीर के पुलिसकर्मियों में खौफ बढ़ता जा रहा है।
हिज्बुल मुजाहिदीन संगठन से कथित रूप से संबद्ध एक ट्विटर हैंडल पर इस अपहरण और हत्या की वारदात को अंजाम देने का दावा किया गया। सुरक्षा एजेंसियों का भी मानना है कि इस हत्या के पीछे हिज्बुल के आतंकवादियों का हाथ है।हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नाइको ने कई बार स्थानीय पुलिसकर्मियों खासकर कई एसपीओ को यह कहकर बल से इस्तीफा देने की धमकी दी कि सरकार उनका इस्तेमाल कर रही है।
इससे पहले आतंकवादियों ने 30 अगस्त को दक्षिण कश्मीर में विभिन्न स्थानों से पुलिसकर्मियों के रिश्तेदारों को अगवा किया था, जिन्हें बाद में छोड़ दिया था। इस तरह के कम से कम आठ लोगों को अगवा किया गया था, जिनके रिश्तेदार जम्मू कश्मीर पुलिस में काम करते हैं। हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नाइकू ने 12 मिनट के एक वीडियो में कथित रूप से इस अपहरण की जिम्मेदारी ली। उसने पुलिस हिरासत में मौजूद आतंकवादियों के रिश्तेदारों को रिहा करने के लिये तीन दिन का समय दिया है।
वैश्विक तौर पर वांछित आतंकवादी और हिज्बुल मुजाहिदीन संगठन के नेता सैयद सलाहुद्दीन के दूसरे बेटे की एनआईए द्वारा गिरफ्तारी के बाद 30 अगस्त को अपहरण की इस घटना को अंजाम दिया गया। हत्या की ये घटनाएं पंचायत और स्थानीय शहरी निकायों के चुनाव की घोषणा के बाद हुई हैं। तीन हत्याओं के बाद कश्मीर के पुलिस विभाग से जुड़े एसपीओ अब विभाग का साथ छोड़ रहे हैं। गृह मंत्रालय का कहना है कि पुलिसकर्मियों के झूठे इस्तीफे की खबर फैलाई जा रही है। यह एक गलत प्रोपेगैंडा के साथ किया जा रहा है।
बीएसएफ जवान की बर्बर हत्या
इससे पहले पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू के समीप अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान को कई गोली मारने के बाद उसका गला रेत दिया। यह बर्बर घटना मंगलवार को रामगढ़ सेक्टर में हुई। सीमा सुरक्षा बल ने अपने समकक्ष पाकिस्तान रेंजर्स के समक्ष कड़ाई के साथ यह मुद्दा उठाया है। यह बर्बर घटना ने नियंत्रण रेखा पर भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ इस तरह के हमलों की याद ताजा करता है।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के लापता जवान की पहचान नरेंद्र सिंह के तौर पर हुई है। बीएसएफ ने पहले उनका नाम नरेंद्र कुमार बताया था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हेड कॉन्स्टेबल नरेंद्र कुमार के शरीर में तीन गोलियों के निशान भी मिले हैं। कुमार का शव छह घंटे के बाद भारत पाक बाड़ के आगे मिल पाया, क्योंकि पाकिस्तानी पक्ष ने सीमा पर संयंम बनाए रखने और बीएसएफ के खोजी दलों पर गोलीबारी न होना सुनिश्चित करने के आह्वान पर ‘कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।’