भारतीय बैंकों के करीब 9000 करोड़ रुपये लेकर फरार हुए भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के सनसनीखेज खुलासे के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल माल्य द्वारा भारत छोड़ने से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से अपनी मुलाकात का दावा करने के बाद विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग की है। हालांकि, जेटली ने माल्या के बयान को ‘‘तथ्यात्मक तौर पर गलत’’ करार दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को माल्या के ‘‘अत्यंत गंभीर आरोपों’’ की स्वतंत्र जांच के आदेश तुरंत देने चाहिए और जेटली को जांच जारी रहने के दौरान अपना पद छोड़ देना चाहिए। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘विजय माल्या द्वारा लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हैं। प्रधानमंत्री को इस मामले में तुरंत एक स्वतंत्र जांच करानी चाहिए। जब तक जांच पूरी हो, तब तक अरुण जेटली को वित्त मंत्री के पद पर नहीं रहना चाहिए।’
Given Vijay Mallya’s extremely serious allegations in London today, the PM should immediately order an independent probe into the matter. Arun Jaitley should step down as FInance Minister while this probe is underway.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 12, 2018
वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने माल्या की ओर से किए गए खुलासे को ‘‘बिल्कुल चौंकाने वाला’’ करार दिया और सवाल किया, ‘‘वित्त मंत्री ने अब तक इस सूचना को छुपाए क्यों रखा?’’ केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नीरव मोदी के देश छोड़कर जाने से पहले उससे मिलते हैं। विजय माल्या के देश छोड़कर जाने से पहले वित्त मंत्री उससे मिलते हैं। इन बैठकों में क्या पकाया जा रहा था? जनता यह जानना चाहती है।’
PM Modi meets Neerav Modi before he flees the country. FM meets Vijay Mallya before he flees India. What transpired in these meetings? People want to know.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 12, 2018
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व नेता एवं पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि न सिर्फ वित्त मंत्री जेटली बल्कि पूरे बीजेपी नेतृत्व को माल्या से अपने संबंधों पर बेदाग सामने आना चाहिए।
Not only the finance minister, the entire BJP must come clean on its relations with Vijay Mallya.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) September 12, 2018
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘‘माल्या ने दो चीजें कही हैं। पहली कि उसने वित्त मंत्री से व्यवस्थित ढंग से मुलाकात की थी और दूसरी यह कि उसने मामले को सुलझाने की पेशकश की थी। इस मामले का पूरा खुलासा होना चाहिए। व्यापक स्पष्टीकरण आना चाहिए और व्यापक जांच होनी चाहिए।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘जब बैंकों को मालूम था, वित्त मंत्रालय को मालूम था, पूरी सरकार को मालूम था और माननीय प्रधानमंत्री को मालूम था कि माल्या पर इतना बड़ा कर्ज बकाया है। ऐसे में उसे देश से बाहर क्यों जाने दिया गया। यह बुनियादी सवाल है जिसका उत्तर पूरा देश जानना चाहता है।’’
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि माल्या के भारत से भागने के वाकये ने एक बार फिर इस बात की पुष्टि कर दी कि मोदी सरकार ‘‘बड़े डिफॉल्टरों को जनता के पैसे लूट कर भागने देती है। असल मुद्दा यह है कि लुकआउट नोटिसों के बाद भी वह कैसे भाग गया?’’
राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि समूची मोदी सरकार घोटालेबाजों और भगोडों से ‘‘मिली हुई है।’’ तेजस्वी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘उन्होंने हजारों करोड़ रुपए लूटने की साजिश रची। प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को इसका जवाब देना चाहिए।’’
माल्या ने किया सनसनीखेज दावा
शराब कारोबारी विजय माल्या ने बुधवार (12 सितंबर) को कहा कि वह पिछले साल भारत से भागने से पहले वित्त मंत्री से मिला था। माल्या जब भारत से भागा था, उस वक्त अरूण जेटली वित्त मंत्री थे। लंदन की अदालत में पेश होने पहुंचे माल्या से जब संवाददाताओं ने पूछा कि क्या उसे देश से भागने के लिए आगाह किया गया था, उसने कहा, ‘‘मैं भारत से रवाना हुआ क्योंकि मेरी जिनिवा में एक मुलाकात का कार्यक्रम था। रवाना होने से पहले मैं वित्त मंत्री से मिला था और निपटारे (बैंकों के साथ मुद्दे) की पेशकश दोहराई थी। यही सच्चाई थी।’’ हालांकि माल्या ने मंत्री का नाम लिए बगैर यह कहा।
धोखाधड़ी और धन शोधन के आरोपों का सामना कर रहे 62 वर्षीय माल्या अपने प्रत्यर्पण के एक मामले के सिलसिले में अदालत पहुंचा था। किंगफिशर एयरलाइन के मालिक रहे माल्या ने अदालत में चल रहे अपने प्रत्यर्पण के मामले की सुनवाई के दौरान भोजनावकाश के दौरान सिगरेट का कश लेते हुए कहा, ‘‘मैंने पहले भी कहा था कि मैं एक राजनीतिक फुटबॉल हूं। इस बारे में मैं कुछ नहीं कर सकता। मेरी अंतरात्मा साफ है और मैंने लगभग 15,000 करोड़ रूपये की संपत्ति कर्नाटक हाई कोर्ट की मेज पर रख दी थी।’’ यह एयरलाइन अब बंद हो चुकी है।
माल्या ने कहा कि मीडिया को बैंकों से यह पूछना चाहिए कि रकम का भुगतान करने की कोशिशों में वे : बैंक: उसकी सहायता क्यों नहीं कर रहे हैं। शराब कारोबारी ने कहा, ‘‘मैं निश्चित रूप से बलि का बकरा हूं, मैं बलि का बकरा जैसा महसूस कर रहा हूं। दोनों ही राजनीतिक दल मुझे पसंद नहीं करते।’’ माल्या ने मुंबई के आर्थर रोड जेल स्थित बैरक 12 के वीडियो का व्यंग्यपूर्ण लहजे में जिक्र करते हुए उसे बहुत ही प्रभावशाली बताया। दरअसल, इसे उसके लिए ही बनाया गया है।
संवाददाताओं के सवालों पर उसने कहा, ‘‘मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी, आप अदालत में सबकुछ सुन रहे हैं।’’ बता दें कि माल्या पिछले साल अप्रैल में अपनी गिरफ्तारी के बाद से एक प्रत्यर्पण वारंट पर जमानत पर है। वह 9,000 करोड़ रूपये की धोखाधड़ी और धन शोधन के आरोपों को लेकर भारत प्रत्यर्पित किए जाने का एक मुकदमा लड़ रहा है।
प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई लंदन की अदालत में पिछले साल चार दिसंबर को शुरू हुई थी।
जेटली ने माल्या के दावे को खारिज किया
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शराब कारोबारी विजय माल्या के इस बयान को बुधवार को खारिज किया कि वह (माल्या) 2016 में भारत छोड़ कर लंदन जाने से पहले उनसे मिला था। जेटली ने कहा कि 2014 में मंत्री बनने बाद उन्होंने माल्या को कभी मिलने का समय नहीं दिया लेकिन शराब कारोबारी ने राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने विशेषाधिकार का गलत इस्तेमाल करते हुए संसद भवन के गलियारे में उन्हें रोककर बात करने की कोशिश की थी।
वित्त मंत्री ने फेसबुक पर एक लेख में माल्या के लंदन में दिए गए बयान को ‘तथ्यात्मक रूप’ से गलत बताया। उन्होंने कहा कि उसके बयान में ‘सच्चाई नहीं है।’ उन्होंने लिखा है, ‘2014 के बाद से मैंने उसे मिलने का समय नहीं दिया है और उससे उनकी मुलाकात का सवाल ही पैदा नहीं होता।’ जेटली के मुताबिक राज्यसभा के सदस्य होने के नाते माल्या ने कभी कभी संसद की कार्यवाही में भी हिस्सा लिया।’
वित्त मंत्री ने माल्या के बयान के बारे में लिखा है, ‘उसने एक बार इस विशेषाधिकार का गलत फायदा उठाया और जब मैं सदन से निकल कर अपने कमरे की तरफ बढ़ रहा था तो वह तेजी से पीछा कर मेरे पास आ गया। चलते-चलते उसने कहा कि उसके पास ऋण के समाधान की एक योजना है।’
साथ ही जेटली ने कहा, ‘उसकी पहले की ऐसी ‘झूठी पेशकश’ के बारे में पहले से पूरी तरह अवगत होने के कारण उसे बातचीत आगे बढ़ाने का मौका नहीं देते हुए मैंने कहा कि ‘मुझसे बात करने का कोई फायदा नहीं है और उसे अपनी बात बैंकों के सामने रखनी चाहिए।’ माल्या के बयान पर विपक्ष ने सवाल उठाया है कि आखिर शराब कारोबारी को देश से भागने की छूट किसने दी। इस सवाल पर जेटली ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा झूठ की राजनीति करती रही है।