राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली मेट्रो के यात्रियों की संख्या में पिछले कुछ सालों में कमी आने की रिपोर्ट को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
फाइल फोटो: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरीबता दें कि हाल ही में सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरनमेंट (CSE) ने अध्ययन में कहा गया है कि पिछले साल किराया बढ़ाए जाने के बाद दिल्ली मेट्रो दुनिया भर के शहरों में दूसरी सबसे महंगी सेवा हो गई है, जो एक ट्रिप के लिए आधा डॉलर से कम किराया लेती है।
इसी अध्ययन पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार (5 सितंबर) को ट्वीट करते हुए लिखा था कि, ‘दिल्ली का मुख्यमंत्री होने के नाते मैं बहुत दुखी हूं कि परिवहन का इतना महत्वपूर्ण साधन आम लोगों की पहुंच से दूर हो गया है।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘वे सभी लोग जिन्होंने मेट्रो को त्याग दिया है, वे अब सड़क परिवहन का इस्तेमाल करके दिल्ली के प्रदूषण में योगदान दे रहे हैं।’
As CM of Delhi, I feel v sad that such an important means of transport has become out of reach of common man. All those who have given up metro are now contributing to Delhi’s pollution by using road based tpt pic.twitter.com/1PVim6kCJV
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 5, 2018
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दुख जताए जाने के एक दिन बाद गुरुवार(6 सितंबर) को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि मुख्यमंत्री को इसके बजाय उनकी खुद की सरकार के तहत आने वाली सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की स्थिति को देखना चाहिए जिसमें 7,000 बसों की कमी है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की ओर से आयोजित एक सम्मेलन में पुरी ने कहा कि दुनिया में दिल्ली आज सबसे बड़ी चौथी मेट्रो प्रणाली है और यह दुनिया में कहीं भी पहली श्रेणी की संपत्ति और सबसे किफायती मेट्रो है।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘मेरे अच्छे मित्र दिल्ली के मुख्यमंत्री दुख जाहिर कर रहे हैं कि कितने सारे लोग मेट्रो से दूर चले गए हैं। रिपोर्ट उन लोगों द्वारा बनाई गई है जो भरोसेमंद तो हैं, लेकिन उनका एक एजेंडा है जहां वे एक रंग के साथ उसी रंग की तुलना नहीं कर रहे है। उन्होंने जो किया वे तथ्यों को पूरी तरह से गलत साबित कर रहे थे।’
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, ‘अगर कोई दुखी होना चाहते हैं, तो उन्हें इस तथ्य को लेकर दुखी होना चाहिए कि दिल्ली में अन्य सार्वजनिक परिवहन में लगभग 7,000 बसों की कमी है जबकि वह सरकार के अंतर्गत आती है और उसे 11,000 बसों की मंजूरी है।
केंद्रीय मंत्री के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम केजरीवाल ने शुक्रवार(7 सितंबर) को ट्वीट करते हुए लिखा, “सर, मेट्रो भी तो हम दिल्ली के लोगों की है ना। क्या मेट्रो का किराया बढ़ना ठीक है? सारी दुनिया कह रही है कि किराया घटना चाहिए तो मान भी जाइए ना। हम बसें ख़रीदने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने बसों की ख़रीद पर स्टे लगा दिया है। स्टे हटवाने की कोशिश कर रहे हैं।”
सर, मेट्रो भी तो हम दिल्ली के लोगों की है ना। क्या मेट्रो का किराया बढ़ना ठीक है? सारी दुनिया कह रही है कि किराया घटना चाहिए तो मान भी जाइए ना
हम बसें ख़रीदने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने बसों की ख़रीद पर स्टे लगा दिया है। स्टे हटवाने की कोशिश कर रहे हैं pic.twitter.com/zJ8jlFDRdT
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 7, 2018