अर्नब गोस्वामी के बाद अब रोहित सरदाना के शो का बहिष्कार करेगी कांग्रेस, बताई यह वजह

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‘रिपब्लिक टीवी’ के संस्थापक और एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी के शो के बाद अब कांग्रेस ने हिंदी समाचार चैनल ‘आज तक’ के एंकर रोहित सरदाना के शो को बहिष्कार करने का फैसला किया है। पार्टी ने रोहित सरदाना पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विचारधाराओं का कथित तौर पर समर्थन करने का आरोप लगाते हुए उनके शो का बहिष्कार करने का फैसला किया है। पार्टी ने अपने फैसले को न्यायसंगत बनाने के लिए दो हालिया कार्यक्रमों का हवाला दिया है।

जिस दो शो को लेकर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराई है वह क्रमश: 30 जुलाई और 13 अगस्त को प्रसारित किए गए थे। इस शो में क्रांग्रेस की तरफ से प्रियंका चतुर्वेदी और पवन खेरा में हिस्सा लिया था। हाल ही में असम में जारी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) का दूसरा और आखिरी मसौदे को लेकर बहस हुआ था। बता दें कि इस सूची में 40 लाख लोगों के नाम नहीं है।

दरअसल, 13 अगस्त को यह विवाद तब शुरू हुआ जब रोहित सरदाना ने कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा पर जमकर हमला किया और अपने शो के दौरान उनकी आवाज को बंद भी कर दिया था। कांग्रेस प्रवक्ता बार-बार राफेल डील पर बहस करने की चुनौती दे रहे थे, जिसके बाद रोहित सरदाना भड़क गए थे। दोनों के बीच काफी देर तक विवाद हुआ था। कांग्रेस प्रवक्ता ने एंकर पर पीएम मोदी से डरने का आरोप लगाया था।

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वहीं, पवन खेड़ा के अलावा 30 जुलाई के एक अन्य शो के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी के साथ भी रोहित सरदाना की जमकर बहस हुई थी। एनआरसी ने मुद्दे पर प्रियंका और रोहित के बीच तीखी बहस हुई थी। इस दौरान कांग्रेस प्रवक्ता ने एंकर पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। इन दोनों डिबेट में रोहित सरदाना द्वारा पार्टी प्रवक्ताओं को लताड़ लगाने से नाराज कांग्रेस ने उनके शो का बहिष्कार करने का फैसला किया है। हालांकि रोहित के अलावा चैनल के अन्य शो में कांग्रेस प्रवक्ता भाग लेंगे।

बता दें कि रोहित सरदाना आजतक से पहले ज़ी न्यूज़ में थे। कांग्रेस इससे पहले अर्नब गोस्वामी के रिपब्लिक टीवी का पूरी तरह से बहिष्कार कर चुकी है। गोस्वामी के डिबेट में काफी समय से कांग्रेस का कोई भी प्रवक्ता भाग नहीं लेता है। इसके अलावा टाइम्स नाउ और जी न्यूज के भी कई शो का बहिष्कार कर चुकी है।

क्या एनआरसी मामला?

दरअसल, असम में 30 जुलाई को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) का दूसरा और आखिरी मसौदा जारी किया गया था। जिसके मुताबिक कुल 3.29 करोड़ आवेदन में से इस लिस्ट में 2.89 करोड़ लोगों को नागरिकता के योग्य पाया गया है, वहीं करीब 40 लाख (4,007,707) लोगों के नाम इससे बाहर रखे गए हैं। बता दें कि एनआरसी का पहला मसौदा 31 दिसंबर और एक जनवरी को जारी किया गया था। पहला मसौदा गत दिसंबर में जारी किया गया था। इसमें असम की 3.29 करोड़ आबादी में से केवल 1.90 करोड़ को ही भारत का वैध नागरिक माना गया था।

गौरतलब है कि एनआरसी की सूची में उन सभी भारतीय नागरिकों के नाम-पते और तस्वीरें हैं, जो 25 मार्च 1971 से पहले से असम में रह रहे हैं। साथ ही राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर जारी करने वाला असम देश का पहला राज्य बन गया है। असम में वैध नागरिकता के लिए कुल 3 करोड़ 29 लाख 91 हजार 384 लोगों ने आवेदन किया था। इनमें से 2 करोड़ 89 लाख 83 हजार 677 लोगों के पास ही नागरिकता के वैध दस्तावेज मिले। यह मसौदा जारी होने के बाद राजनीतिक पार्टियों में जमकर घमासान हो रहा है।

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