जम्मू कश्मीर: कठुआ गैंगरेप-हत्याकांड के मुख्य आरोपी के वकील को सरकार ने बनाया एडिशनल एडवोकेट जनरल

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जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में 8 साल की नाबालिग मासूम बच्ची के साथ हुए गैंगरेप और हत्याकांड के मुख्य आरोपी के वकील असीम साहनी को जम्मू कश्मीर प्रशासन ने राज्य के एडिशनल एडवोकेट जनरल के रूप में नियुक्त कर दिया है।मंगलवार को जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक असीम साहनी जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट की जम्मू बेंच में सरकार का पक्ष रखेंगे।

असीम साहनी (फोटो साभार: फेसबुक)

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक मंगलवार को कानून विभाग द्वारा हाईकोर्ट के जम्मू विंग के लिए एडिशनल एडवोकेट जनरल, एडवोकेट जनरल और सरकारी वकीलों की सूची जारी की गई थी। इस लिस्ट में असीम साहनी का नाम 7वें नंबर पर था। असीम साहनी जनवरी महीने में कठुआ के बकरवाल समुदाय की 8 साल की बच्ची के साथ हुए सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले के आरोपियों के वकीलों में से एक हैं, जिसकी सुनवाई पंजाब के पठानकोट की अदालत में चल रही है।

बता दें कि फिलहाल जम्मू-कश्मीर की महबूबा मुफ्ती सरकार से भारतीय जनता पार्टी के समर्थन वापसी के बाद राज्य में राज्यपाल शासन लागू है। ऐसे में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन के टूटने की वजहों में से एक कठुआ रेप और हत्याकांड के मुख्य आरोपी के वकील की उच्च पद पर नियुक्ति चौंकाने वाली है।

एआईएमआईएम के प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी ने ट्वीट कर इस नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं। ओवैसी ने ट्वीट कर कहा है कि कठुआ में मुस्लिम बकरवाल समुदाय की 8 साल की बच्ची के रेप और हत्या के मुख्य आरोपी के वकील असीम साहनी की नियुक्ती एडिशनल एडवोकेट जनरल के तौर पर की गई है। प्रधानमंत्री मोदी के बेटी बचाओ, ट्रिपल तलाक और महिला अधिकार के सभी वादे झूठे हैं।

वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कठुआ दुष्कर्म एवं हत्याकांड के मुख्य आरोपी के वकील असीम साहनी की अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) के तौर पर नियुक्ति को चिंताजनक बताया है।

मंगलवार को इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए साहनी ने कहा, ‘2 जुलाई से मैं इस मामले में पेश नहीं हुआ हूं और अब आगे भी नहीं जाऊंगा।’ उन्होंने किसी भी तरह के हितों के टकराव से इनकार किया। साहनी ने आगे कहा कि वे इस मामले में केवल ‘चैम्बर काउंसिल’ हैं, प्रमुख वकील उनके पिता हैं। असीम साहनी जम्मू के चर्चित वकील एके साहनी के बेटे हैं, जो कठुआ मामले के आरोपियों के प्रमुख वकील हैं. असीम ने यह भी कहा कि वे मामले के 51 वकीलों में से एक हैं।

बता दें कि इस मामले ने तब राजनीतिक रंग ले लिया जब रेप और हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी के विरोध में जम्मू-कश्मीर सरकार में शामिल बीजेपी के मंत्री समेत नेताओं ने जुलूस निकाले। जिसे लेकर रेप और हत्या के इस नृशंस मामले को लेकर कश्मीर की जनता के गुस्से को देखते हुए तत्कालीन महबूबा सरकार पर दबाव बढ़ने लगा। लिहाजा लोगों के गुस्से को शांत करने के लिए सरकार में मंत्री लाल सिंह को इस्तीफा देना पड़ा था। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों पर इस रेप के विरोध में लोगों में आक्रोश देखने को मिला था।

क्या है मामला?

जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में 8 साल की बच्ची की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई थी। बच्ची को कठुआ जिले के एक गांव के एक छोटे से मंदिर में करीब एक सप्ताह तक रखा गया था। बच्ची का 10 जनवरी को अपहरण कर लिया गया था। जिसके बाद बच्ची का शव 17 जनवरी को रसाना गांव के जंगल से मिला था। सरकार ने 23 जनवरी को मामले की जांच राज्य पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दी थी। अपराध शाखा ने विशेष जांच दल गठित किया जिसने दो विशेष पुलिस अधिकारियों और एक हेड कांस्टेबल समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक नाबालिक भी शामिल है।

जांचकर्ताओं ने बताया कि बच्ची को एक छोटे से मंदिर ‘देवीस्थान’ में रखा गया था, जिसका सांजी राम सेवादार था। आरोपियों ने सबूत मिटाने की कोशिश में बच्ची की हत्या कर दी थी। चार्जशीट के मुताबिक, बच्ची का अपहरण, बलात्कार और हत्या अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय को क्षेत्र से हटाने के लिए रची गई एक सोची समझी साजिश थी। इस मामले में मंदिर का सेवादार सांझी राम, उसका बेटा विशाल, सांझी राम का भतीजा, सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता, दो विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया, सुरेंद्र वर्मा, हेड कांस्टेबल तिलक राज और स्थानीय नागरिक प्रवेश कुमार आरोपी है।

 

 

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