ट्रोलिंग विवाद: एक सप्ताह बाद सुषमा स्वराज के बचाव में उतरी मोदी सरकार, राजनाथ सिंह बोले- ट्रोल करना ‘गलत’

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लखनऊ पासपोर्ट विवाद में पिछले एक सप्ताह से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को सोशल मीडिया पर मिली गाली-गलौज के बाद पहली बार मोदी सरकार के एक मंत्री ने चुप्पी तोड़ी है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सुषमा स्वराज का बचाव करते हुए उनके साथ हुई ट्रोलिंग को गलत बताया है। सिंह ने कहा कि वह इसे पूरी तरह गलत मानते हैं। बता दें कि लखनऊ के एक दंपति के पासपोर्ट विवाद में सुषमा स्वराज के दखल दिए जाने के बाद ट्विटर पर उन्हें जबरदस्त ढंग से ट्रोल किया गया था।

समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार (2 जुलाई) को कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्रोल करना गलत है। बता दें कि राजनाथ एकमात्र ऐसे मंत्री हैं जो सुषमा के समर्थन में बोले हैं। सुषमा एक अंतरधर्मी दंपत्ति को पासपोर्ट जारी कराने और इससे संबंधित विवाद में लखनऊ स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र के अधिकारी विकास मिश्रा के तबादले के बाद से आक्रामक ट्वीटों का सामना कर रही हैं।

इस मुद्दे पर टिप्पणी के लिए कहे जाने पर राजनाथ ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मेरे हिसाब से यह गलत है।’’ सुषमा ने कुछ आक्रामक ट्वीटों को री-ट्वीट किया था। साथ ही उन्होंने टि्वटर पर एक सर्वेक्षण भी कराया था और इस मंच का इस्तेमाल करने वालों से पूछा था कि क्या वे इस तरह की ट्रोलिंग को ‘‘स्वीकार’’ करते हैं। इस पर 43 प्रतिशत लोगों ने ‘हां’ में और 57 प्रतिशत लोगों ने ‘ना’ में जवाब दिया था।

गौरतलब है कि कई दिन तक चली ट्रोलिंग के बाद मामला शनिवार तब आगे बढ़ गया जब सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल ने एक ट्विटर यूजर के एक पोस्ट का स्क्रीनशॉट ट्वीट किया जिसमें उनसे कहा गया है कि वह उनकी (सुषमा स्वराज) पिटाई करें और उन्हें मुस्लिम तुष्टीकरण न करने की बात सिखाएं। इसके बाद मामले ने फिर तूल पकड़ना शुरू कर दिया।

रविवार को कौशल ने ट्वीट का जवाब भी दिया। सुषमा के पति स्वराज कौशल ने ट्वीट किया, ‘आपके शब्दों ने हमें असहनीय दुख दिया है। आपको एक बात बता रहा हूं कि मेरी मां का 1993 में कैंसर से निधन हो गया। सुषमा एक सांसद और पूर्व शिक्षा मंत्री थीं। वह एक साल तक अस्पताल में रहीं। उन्होंने मेडिकल अटेंडेंट लेने से मना कर दिया और मेरी मरती मां की खुद देखभाल की।’

सुषमा को ट्वीट के जरिए निशाना बनाने वाले व्यक्ति को जवाब देते हुए जाने माने वकील ने कहा, ‘परिवार के प्रति उनका (सुषमा) इस तरह का समर्पण है। मेरे पिता की इच्छा के अनुरूप उन्होंने (सुषमा) मेरे पिता की चिता को मुखाग्नि दी। कृपया उनके लिए इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल न करें। हम कानून और राजनीति में पहली पीढ़ी हैं। हम उनके जीवन से ज्यादा किसी और चीज के लिए प्रार्थना नहीं करते। कृपया अपनी पत्नी को मेरी ओर से अगाध सम्मान से अवगत कराएं।’ विदेश मंत्री ने भी उस व्यक्ति के कुछ ट्वीट को री-ट्वीट किया था।

दरअसल, अंतरधर्मी दंपती तन्वी सेठ और अनस सिद्दीकी ने लखनऊ के पासपोर्ट सेवा केंद्र में कार्यरत विकास मिश्रा पर अपमानित करने का आरोप लगाया था। विवाद के बाद मिश्रा का ट्रांसफर कर दिया गया। इसके बाद पुलिस और स्थानीय खुफिया इकाई की रिपोर्ट में पाया गया कि महिला दिए गए पते पर एक साल से नहीं रह रही थी। इसी के बाद सुषमा स्वराज को ट्रोल किया गया था। लोगों ने कहा कि वह तो अपनी ड्यूटी कर रहे थे। इतना ही नहीं उनके फेसबुक पेज की रेटिंग गिरा दी गई और उन पर मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप भी लगाए गए।

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