एक तरफ जहां इस समय कुछ लोग पूरे देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश में लगे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित मनकामेश्वर मंदिर में एकता की अनूठी मिसाल पेश की गई। यह भगवान शिव का बहुत पुराना मंदिर है, यहां करीब 500 मुस्लिमों को इफ्तार कराई गई।
Photo: News18ख़बरों के मुताबिक, रोजा इफ्तार और आरती एक साथ की गई। इस दौरान शिया और सुन्नी दोनों के मौलवी एक ही समय पर कार्यक्रम में मौजूद थे। मानखेश्वर मंदिर लखनऊ में गोमती नदी के तट पर स्थित है। यह लखनऊ में एक इफ्तर की मेजबानी करने वाला पहला मंदिर बन गया, भक्तों ने ऐतिहासिक मंदिर के अंदर ‘आरती स्थल’ में नमाज की भी पेशकश की।
मंदिर की पहली महिला मुख्य पुजारी महंत दिव्यगिरी ने न्यूज 18 से बातचीत में कहा, ‘सभी धर्म प्रेम और भाईचारे का संदेश देते हैं, कई बार मुस्लिम भी कन्या पूजन का आयोजन करते हैं और बड़ा मंगल स्टॉल भी लगाते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘पुजारियों, इमाम और महंतों को अपना काम करना चाहिए, उन्हें भाईचारे और शांति का संदेश देना चाहिए। सुबह से शाम तक उपवास रखने वालों की सेवा करना एक पवित्र काम है।’
महंत गिरि ने बताया कि, हमारे तीन रसोइयों ने सुबह से ही इफ्तार की तैयारी शुरू कर दी थी। यह अपनी तरह की पहली इफ्तार थी जिसमें 500 से ज्यादा लोगों के आने की उम्मीद थी। यह ऐतिहासिक था और यह शहर के सौहार्द्रपूर्ण परंपरा को बढ़ावा देने वाला था।