राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत द्वारा ‘तीन दिन में सेना तैयार करने’ वाले बयान को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट पर संघ प्रमुख पर जोरदार हमला बोला है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोहन भागवत का यह बयान देश और शहीदों का अपमान है। राहुल ने कहा कि संघ प्रमुख का बयान उन लोगों का अपमान करता है, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी है।राहुल गांधी ने सोमवार (12 फरवरी) को मोहन भागवत के बयान की निंदा करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘RSS चीफ का यह बयान हर भारतीय का अपमान है, क्योंकि उन्होंने देश के लिए जान देने वालों का असम्मान किया है। यह देश के झंडे का भी अपमान है, क्योंकि तिरंगे को सलाम करने वाले सैनिकों का अपमान किया गया है। भागवत को सेना और शहीदों का अपमान करने के लिए शर्म आनी चाहिए।’
The RSS Chief's speech is an insult to every Indian, because it disrespects those who have died for our nation.
It is an insult to our flag because it insults every soldier who ever saluted it.
Shame on you Mr Bhagwat, for disrespecting our martyrs and our Army. #ApologiseRSS pic.twitter.com/Gh7t4Ghgon
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 12, 2018
इस बीच विवाद बढ़ता देख मोहन भागवत के बयान पर RSS की भी सफाई आई है। संघ ने कहा कि भागवत के बयान को संदर्भ से हटकर पेश किया गया है। नवभारत टाइम्स के मुताबिक, संघ की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि, ‘मोहन भागवत भारतीय सेना की तुलना आरएसएस से नहीं कर रहे थे। हकीकत में उन्होंने कहा था कि आर्मी अपने जवानों को तैयार करने में 6 महीने का समय लेती है। अगर आरएसएस ट्रेनिंग दे तो सैनिक 3 दिन में स्वयंसेवक भी बन सकते हैं।’
‘RSS तीन दिन के भीतर सेना कर सकता है’
बता दें कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार (12 फरवरी) को कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो देश के लिये लड़ने की खातिर आरएसएस के पास तीन दिन के भीतर ‘सेना’ तैयार करने की क्षमता है। छह दिवसीय मुजफ्फरपुर यात्रा के अंतिम दिन सुबह जिला स्कूल मैदान में आरएसएस के स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि सेना को सैन्यकर्मियों को तैयार करने में छह-सात महीने लग जाएंगे, लेकिन संघ के स्वयंसेवकों को लेकर यह तीन दिन में तैयार हो जाएगी।
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक उन्होंने कहा कि यह हमारी क्षमता है पर हम सैन्य संगठन नहीं, पारिवारिक संगठन हैं लेकिन संघ में मिलिट्री जैसा अनुशासन है। अगर कभी देश को जरूरत हो और संविधान इजाजत दे तो स्वयंसेवक मोर्चा संभाल लेंगे। संघ प्रमुख ने कहा कि आरएसएस के स्वयंसेवक मातृभूमि की रक्षा के लिए हंसते-हंसते बलिदान देने को तैयार रहते हैं। आरएसएस की भारतीय सेना से तुलना के कारण सोशल मीडिया पर मोहन भागवत की काफी आलोचना हो रही है।