सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों की ओर से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा के खिलाफ मोर्चा खोले जाने के बाद अब मामला सुलझ गया है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन मिश्रा ने सोमवार (15 जनवरी) को इसकी जानकारी देते हुए दावा किया कि जजों का विवाद अब सुलझ गया है। मिश्रा के अलावा अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया ने भी मामला सुलझने का दावा किया है।मनन मिश्रा ने प्रेस कॉन्फेंस कर कहा कि, ‘हम अपनी मुहिम में सफल रहे हैं। जजों का विवाद घर की बात थी। हम सीजेआई और चारों जजों के आभारी हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि न्यायपालिका की गरिमा को बनाए रखना है। ये जजों का मामला था तो उन्होंने ही इसे सुलझाया। बार काउंसिल ने इस मामले को घर की लड़ाई बताया है।
मिश्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ‘बार काउंसिल को खुशी है कि जज अपने काम पर लौट गए हैं। हमने कभी किसी सम्माननीय जज के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की। बार काउंसिल की प्राथमिकता थी कि इस विवाद को जितनी जल्दी हो सके सुलझाया जाए। सभी सम्माननीय जजों ने आपसी सहमति और विचार-विमर्श से मुद्दा सुलझा लिया है। कोर्ट सामान्य दिनों की तरह चल रहे हैं।’
As you can see that the matter has been laid to rest and all courts rooms in the Supreme Court are functioning normally: Manan Mishra, Chairman, Bar Council of India #SupremeCourtJudges pic.twitter.com/8C2BH21bnc
— ANI (@ANI) January 15, 2018
वहीं, इससे पहले अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने भी कहा कि जजों के बीच जो विवाद था, वो खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा कि पूरा मामला सुलझ गया है और अब सबकुछ ठीक है। वेणुगोपाल ने न्यूज चैनल आजतक को बताया कि जजों के लाउंज में चीफ जस्टिस और बाकी जजों के बीच अनौपचारिक बातचीत हुई। कोर्ट कर्मचारियों को लाउंज से बाहर रखा गया था। अब चाय कप के साथ विवाद खत्म हो गया है।
CJI के खिलाफ जजों ने खोला मोर्चा
बता दें कि शुक्रवार को आजाद भारत के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों ने मीडिया के सामने आकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की प्रशासनिक कार्यशैली पर सवाल उठाए। अभूतपूर्व घटना में जजों ने मुख्य न्यायाधीश (सीजेआी) दीपक मिश्र के खिलाफ सार्वजनिक मोर्चा खोल दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद चारों जजों ने एक चिट्ठी जारी की, जिसमें सीजेआई की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
सीजेआई के बाद वरिष्ठता में दूसरे से पांचवें क्रम के जजों जस्टिस जे. चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एमबी लोकुर व जस्टिस कुरियन जोसेफ ने आरोप लगाया कि ‘सुप्रीम कोर्ट प्रशासन में सब कुछ ठीक नहीं है। कई चीजें हो रही है जो नहीं होनी चाहिए। यह संस्थान सुरक्षित नहीं रहा तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा।’ जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि हमने हाल में सीजेआइ को पत्र लिखकर अपनी बात रखी थी। शुक्रवार को भी शिकायत की, लेकिन वह नहीं माने।
Rifat Jawaid on the revolt by Supreme Court judges
Posted by Janta Ka Reporter on Friday, 12 January 2018
इसीलिए लोकतंत्र की रक्षा के लिए मीडिया के सामने आना पड़ा। उन्होंने मीडिया को सात पेज की वह चिट्ठी भी बांटी जो सीजेआई को लिखी थी। उसमें पीठ को केस आवंटन के तरीके पर आपत्ति जताई गई है। जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया के एक मुद्दे का तो उल्लेख है, पर माना जा रहा है कि यह खींचतान लंबे अर्से से चल रही थी। शायद सीबीआई जज बीएच लोया की मौत का मुकदमा तात्कालिक कारण बना, जिस पर शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट की अन्य बेंच में सुनवाई थी।