आजाद भारत के इतिहास में शुक्रवार (12 जनवरी) को पहली बार सुप्रीम कोर्ट के चार मौजूदा जजों ने मीडिया के सामने आकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की प्रशासनिक कार्यशैली पर सवाल उठाए। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद चारों जजों ने एक चिट्ठी जारी की, जिसमें कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।चारों जजों ने कहा कि देश में लोकतंत्र खतरे में है। सुप्रीम कोर्ट सही तरीके से काम नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमने इस विषय में मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) से भी बात करने की कोशिश की लेकिन हम नाकामयाब रहे है। चारों जजों ने कहा कि 20 साल बाद कोई हमें यह ना कहे कि हमने आत्मा बेच दी थी। इसलिए हम सारा कुछ बताने के लिए देश के सामने आए हैं।
इन चार जजों में जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ शामिल हैं। ये चारों जज सुप्रीम कोर्ट में वरीयता के मामले में जस्टिस दीपक मिश्रा से नीचे दूसरे से पांचवें नंबर पर हैं। इस मामले पर ‘जनता का रिपोर्टर’ के प्रधान संपादक रिफत जावेद का देखिए फेसबुक लाइव:-
Rifat Jawaid on the revolt by Supreme Court judges
Posted by Janta Ka Reporter on Friday, January 12, 2018
सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश जे चेलामेश्वर ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का प्रशासन ‘‘सही नहीं चल रहा ’’ और बहुत सी ऐसी चीजें हुई हैं जो नहीं होनी चाहिए थीं। एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए न्यायमूर्ति चेलामेश्वर और तीन अन्य वरिष्ठ न्यायाधीशों ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायतंत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर मीडिया से बात किया।
न्यायमूर्ति चेलामेश्वर ने कहा कि, ‘‘कई बार सुप्रीम कोर्ट के प्रशासन में सबकुछ सही नहीं होता और बहुत सी ऐसी चीजें हुई जो नहीं होनी चाहिए थी।’’ जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा कि, ‘आज हम इसलिए सामने आए कि आज से 20 साल बाद कोई यह ना कह दे कि क्या इन चार जजों ने अपनी अंतरआत्मा बेच दी थी।’ संवाददाता सम्मेलन यहां उनके तुगलक रोड स्थित आवास पर आयोजित किया गया।