योग गुरू बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड आयुर्वेद के कारण एक विवादों में घिर गई हैं। पतंजलि ब्यूटी क्रीम के विज्ञापन में कंपनी ने सांवले रंग को त्वचा की बीमारी बताया है और उसके निदान के लिए उनकी ब्यूटी क्रीम का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है।
फाइल फोटोगौरतलब है कि, पतंजलि के इस विज्ञापन में लिखा है कि, गेहूं के बीज के तेल, हल्दी, एलोवेरा और तुलसी आदि के गुणों से युक्त यह क्रीम ड्राई स्किन, सांवले रंग और झुर्रियों जैसी स्किन की बीमारियों के लिए बेहद लाभकारी है। पतंजलि ब्यूटी क्रीम कोई आम क्रीम नहीं है बल्कि यह एक स्किन नौरिशमेंट टॉनिक और ट्रीटमेंट है।
यह आपको 100 प्रतिशत प्राकृतिक खूबसूरती का आत्मविश्वास देता है। खुद इस्तेमाल करें और अपने परिवार और दोस्तों को भी इसके बारे में बताएं।
पतंजलि के छपे विज्ञापन की सोशल मीडिया में आलोचना हो रही है। कार्तिक @beastoftraal नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा, बाबा रामदेव! सांवला रंग स्किन की बीमारी नहीं है। कार्तिक ने रामदेव से पूछा था कि क्या यह विज्ञापन तरुण विजय ने लिखा है?
कार्तिक ने आगे लिखा कि एक ब्रांड जो अपने विज्ञापनों में मल्टी नेशनल कंपनियों को बुरा बताते हुए खुद के 100प्रतिशत शुद्ध होने का दावा करता है वह खुद उन बड़ी कंपनियों की तरह डार्क स्किन को एक समस्या बता रहा है। फर्क बस इतना है कि वो कंपनियां जानती हैं कि अपने प्रोडक्ट को कैसे बेचना है, वहीं पतंजलि खुले तौर पर सांवले रंग को बीमारी बता रही है।
For a brand that almost always starts its advertising by bad-mouthing 'those MNC companies' as looters and calls itself as '100% purity and 100% charity' (the tactic sure seems to be working for them given their spectacular success in the recent past), Patanjali seems to be
— Karthik (@beastoftraal) January 8, 2018
given the number of people in India who are naturally born with the so-called 'dark' complexion. The other irony is that the so-called MNC made 'dark complexion' into a confidence/success problem and Patanjali, a proudly Indian brand, is continuing to use that
— Karthik (@beastoftraal) January 8, 2018
मामला बढ़ता देख और सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना झेलने के बाद बाबा राम देव ने अपनी सफाई दी और इसे ट्रांसलेशन और कॉपी राइटिंग की खामी करार दिया। उनका कहना है कि कुछ लोग जान बूझकर विवाद पैदा कर रहे हैं जबकि मसला ट्रांसलेशन और कॉपी राइटिंग में गलती का है।
इस पर रामदेव ने सोशल मीडिया पर लिखा है, ‘हमने Skin Complications (त्वचा के विकार), शब्द approve किया था जो translation/copy-writing में ग़लती से बदल गया। मैंने कभी रंग-भेद की बात नहीं की और हमेशा क़ुदरती सौंदर्य को निखारने के आयुर्वेदिक उपाय बताये हैं। कुछ लोग एक शब्द को पकड़ कर विवाद पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं।’
हमने Skin Complications (त्वचा के विकार), शब्द approve किया था जो translation/copy-writing में ग़लती से बदल गया। मैंने कभी रंग-भेद की बात नहीं की और हमेशा क़ुदरती सौंदर्य को निखारने के आयुर्वेदिक उपाय बताये हैं। कुछ लोग एक शब्द को पकड़ कर विवाद पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं https://t.co/au3odkJ6uH
— Swami Ramdev (@yogrishiramdev) January 9, 2018