योग गुरू बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड पर टॉयलेट क्लीनर जैसा प्रोडक्ट बाजार में लाने का आरोप लगा है। इस मामले पर अगली सुनवाई 11 जनवरी 2018 को होगी।

मनी भास्कर की ख़बर के मुताबिक, रेकिट बेन्किसर इंडिया ने दिल्ली हाई कोर्ट में पतंजलि के खिलाफ केस दायर कर आराेप लगाया है कि उसका टॉइलेट क्लीनर ‘ग्रीन फ्लैश’ उसके हार्पिक जैसा है। इस मामले पर अगली सुनवाई अब 11 जनवरी 2018 को होगी।
रेकिट बेन्किसर इंडिया ने कहा है कि न सिर्फ पैकिंग और पेटर्न में यह उनके उत्पाद जैसा है बल्कि इसकी पैकिंग पर इंस्ट्रक्शन भी उनके उत्पाद जैसा ही है। साथ ही कंपनी ने आरोप लगाया है कि पतंजली ग्राहकों को अपने उत्पाद को आर्गेनिक उत्पाद बता कर भ्रमित भी कर रही है।
मनी भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, रेकिट बेन्किसर इंडिया ने दिल्ली हाई कोर्ट में सिंगल जज जस्टिस मनमोहन की अदालत में यह केस दायर किया है। कंपनी ने केस में कहा है कि पतंजलि ने अपने टॉइलेट क्लीनर ग्रीन फ्लैश बिल्कुल वैसा ही बनाया है जैसा उसका हार्पिक है।
ग्रीन फ्लैश की पैकिंग और पैटर्न बिल्कुल उसके उत्पाद जैसा ही है। रेकिट बेन्किसर इंडिया ने कहा है कि टॉइलेट क्लीनर बाजार में उसकी 80 फीसदी हिस्सेदारी है। लेकिन बाबा रामदेव की पतंजलि के उससे मिलते जुलते उत्पाद से उनकी कंपनी के उत्पाद हार्पिक को नुकसान हो सकता है।
बता दें कि, इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने डिटॉल बनाने वाली कंपनी रैकिट बेनकीजर की शिकायत पर पतंजलि के साबुन के विज्ञापन पर रोक लगा दी थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि बाबा रामदेव की कंपनी का यह विज्ञापन रैकिट के डेटॉल ब्रैंड की छवि खराब करता है। इससे पहले HUL भी इस विज्ञापन पर रोक लगवा चुका है, तब बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगाई थी।
रैकिट बेनकीजर के मुताबिक, विज्ञापन में ऐसे साबुन को दिखाया गया है, जो शेप, साइज और कलर में उसके उत्पाद जैसा है। साथ ही, इसे ‘ढिटॉल’ बताया गया है। रैकिट की वकील नैन्सी रॉय ने बताया कि अदालत ने इस विज्ञापन पर अंतरिम रोक लगा दी है।
रॉय ने बताया कि पतंजलि ने शुरू में इस विज्ञापन को यूट्यूब को अपलोड किया और इसके बाद आयुर्वेद कंपनी ने रविवार को इस कमर्शल का प्रसारण किया। पतंजलि ने इस सिलसिले में भेजी गई ईमेल का जवाब नहीं दिया है।