भारत के अलग-अगल राज्यों से हर रोज कोई न कोई ऐसी तस्वीर सामने आ ही जाती है, जिसे देखकर हमें शर्मसार होना पड़ता है। अस्पताल प्रशासन की बेरहमी का एक और मामला सामने आया है, जो ओडिशा के कोरापुट जिले का है। यहां अस्पताल प्रशासन की बेरुखी से एक महिला को नाले में बच्चे को जन्म देना पड़ा।
फोटो- ANIमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ओडिशा के कोरापुट जिले में एक आदिवासी महिला को प्रसव पीड़ा के दौरान अस्पताल ने कथित तौर पर मेडिकल डॉक्युमेंट्स के अभाव के कारण अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया जिसके बाद महिला को अस्पताल के पास ही नाले में बच्चे को जन्म देने को मजबूर होना पड़ा।
इस दौरान महिला के साथ आए लाचार परिजनों के पास भी कोई सोर्स नहीं था कि वह महिला की मदद कर सकें। घटना की ख़बर फैलने के बाद अस्पताल प्रशासन ने जच्चा और बच्चा को अस्पताल में भर्ती कर लिया, जहां उनका उपचार चल रहा है।
Odisha: Woman gave birth in drain near hospital's canteen in Koraput after doctors allegedly refused to check her due to lack of documents, now admitted. She was visiting her ailing husband there when she complained of labor pain. Hospital's superintendent refutes allegations pic.twitter.com/0dNZeJDQTv
— ANI (@ANI) December 16, 2017
नवभारत टाइम्स की ख़बर के मुताबिक, शहीद लक्ष्मण नायक मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के अधीक्षक सीताराम महापात्रा ने बताया कि बच्चे को विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई में भर्ती किया गया है। वहीं मां को जनरल वार्ड में रखा गया है। अधीक्षक ने जच्चा और बच्चा दोनों की स्थिति को स्थिर बताया है।
ख़बर के मुताबिक, महिला डैना मुदुली दसमंतपुर ब्लॉक के जनिगुडा गांव की रहने वाली है। वह अपनी मां और बहन के साथ अस्पताल में पति रघु मुदुली से मिलने आई थी। रघु को बुखार के कारण बुधवार को अस्पताल में भर्ती किया गया था।
शुक्रवार सुबह 8 बजे अचानक उसे प्रसव पीड़ा होने लगी। पीड़िता की मां ने बताया कि महिला वार्ड में मौजूद स्टाफ नर्स ने डॉक्युमेंट्स मांगे। पर डॉक्युमेंट्स लेकर हम हॉस्पिटल नहीं गए थे, इसलिए उन्होंने भर्ती करने से मना कर दिया। बाद में उसे नाले में बच्चे को जन्म देना पड़ा।
वहीं दूसरी ओर इस पूरी घटना पर जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. ललित मोहन रथ ने कहा कि आरोप निराधार हैं और इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया। गौरतलब है कि, इस तरह की घटना अस्पताल प्रशासन और राज्य सरकार पर कई तरह के सवाल खड़े कर सकती है।
बता दें कि, यह कोई पहली बार नहीं है कि देश के किसी राज्य में इस तरह की घटना सामने आई हो इसे पहले भी कई राज्यों से ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी है। शनिवार(29 अप्रैल) को यूपी के बहराइच जिले में मौके पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने के कारण एक गर्भवती महिला को बीच बाजार सड़क पर ही बच्ची को जन्म देना पड़ा था।
उसके बाद यूपी के मथुरा में मौके पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने के कारण एक गर्भवती महिला को सड़क पर ही बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर होना पड़ा। बीच रास्ते में दूसरे गांव की महिलाओं ने किसी तरह आनन-फानन में वहां पर परदा बना कर प्रसूता को संभाला था।
बता दें कि, इससे पहले मध्य प्रदेश के कटनी जिले में सरकारी एंबुलेंस नहीं मिलने की वजह से एक महिला को सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा था। सड़क पर गिरने की वजह से मासूम नवजात की मौके पर ही मौत हो गई।
इससे पहले राजस्थान के जयपुर सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के कारण एक खानाबदोश महिला को शुक्रवार(28 जुलाई) की रात को सड़क पर लेटकर बच्चे को जन्म देना पड़ा।