मेरठ को साम्प्रदायिक दंगों के लिए जाना जाता है। छोटी-छोटी बातों पर हिन्दू-मुस्लिम दंगे हो जाना मेरठ में एक मामूली बात समझी जाती है। मेरठ की सारी राजनीति इसी बिन्दु पर आधारित रहती है। मेरठ में पिछले कई वर्षो से BJP की सीटें रही है। लेकिन इस बार नगर निगम पर BSP ने कब्जा जमा लिया है।
हाल में हुए नगर निगम चुनाव में मेरठ नगर निगम में मेयर की सीट BSP के खाते में जाने के बाद मेयर सुनीता वर्मा ने साफ कर दिया है कि निगम की बोर्ड बैठक में राष्ट्रगीत वंदेमातरम का गान नहीं कराया जाएगा, हालांकि बैठक में राष्ट्रगान की परंपरा को पहले से निभाया जाता रहेगा।
मेरठ नगर निगम की बोर्ड बैठक में राष्ट्रगीत वंदेमातरम के गान को लेकर अक्सर BJP के महापौर-पार्षदों और BSP, SP आदि अन्य दलों के मुस्लिम पार्षदों में टकराव देखा जाता था। पूर्व मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने एक बोर्ड बैठक में वंदे मातरम् नहीं गाने वाले पार्षदों की सदस्यता खत्म करने की चेतावनी देते हुए सदन में प्रस्ताव भी पास करा दिया था, जिसे लेकर पूरे प्रदेश में बवाल मचा था।
निर्वाचन के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सुनीता ने साफ कर दिया कि नगर निगम की किसी भी बोर्ड बैठक में आगे से वंदे मातरम् का गान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मेरठ में नगर निगम संविधान का पूर्ण रूप से पालन किया जाएगा।