जीएसटी, डीजल की बढ़ी कीमतों और सड़क पर भ्रष्टाचार को लेकर ट्रक परिचालकों ने 9 अक्टूबर से दो दिवसीय हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। जो नौ अक्टूबर को सुबह आठ बजे से शुरू होगी। इस बीच अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो यह देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल सकती है।
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस AIMTC के अध्यक्ष एस के मित्तल ने यहाँ पत्रकारों से यह कहा कि ट्रांसपोटरों ने सरकारी अधिकारियों के उदासीन रुख, GST, डीजल कीमतों और गंभीर भ्रष्टाचार को देखते हुए 9 और 10 अक्टूबर का चक्का जाम करने का फैसला किया है। GST, डीजल के दामों में बढ़ोतरी व अन्य समस्याओं को लेकर देश-भर के ट्रांसपोर्टरों (ट्रक ऑपरेटरों) ने 9 व 10 अक्टूबर को हड़ताल पर जाने की घोषणा की है।
ट्रांसपोर्टरों के सर्वोच्च निकाय एआईएमटीसी ने करीब 93 लाख ट्रक परिचालकों और लगभग 50 लाख बस और पर्यटक परिचालकों का प्रतिनिधित्व करने का दावा किया है। वहीं, ट्रांसपोटरों की दूसरे संगठन अखिल भारतीय ट्रांसपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन ने एआईएमटीसी का समर्थन करने की बात कही।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, कलकत्ता गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभात कुमार मित्तल ने संवाददाताओं से कहा, ‘जीएसटी लागू होने के बाद परिवहन व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
डीजल और टोल पर किया जानेवाला खर्च ट्रक के परिचालन खर्च के 70 फीसदी से भी अधिक है, जबकि डीजल को ही जीएसटी के अंतर्गत नहीं रखा गया है। डीजल को जीएसटी के अंतगर्त लाना आवश्यक है, ताकि देश में एक कीमत पर डीजल की बिक्री हो।’ ट्रांसपोर्टर्स ने यह मांग भी की कि डीजल की कीमतों की समीक्षा तिमाही आधार पर होनी चाहिए।