उत्तर प्रदेश के शिया केंद्रीय वक्फ बोर्ड ने मंगलवार(8 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अयोध्या में विवादित स्थल से उचित दूरी पर मुस्लिम बहुल इलाके में एक मस्जिद का निर्माण कराके इस मुद्दे को सुलझाया जा सकता है। वक्फ बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि बाबरी मस्जिद विवाद के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए बातचीत करने का हक केवल उसके पास है।
Photo: Indian Expressमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शिया वक्फ बोर्ड ने हलफनामे में कहा है कि अयोध्या में विवादित स्थल से उचित दूरी पर मुस्लिम बहुल इलाके में एक मस्जिद का निर्माण किया जा सकता है। हलफनामे में शिया वक्फ ने कहा कि अयोध्या में विवादित जगह पर राम मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए। वक्फ बोर्ड ने विवाद का मैत्रीपूर्ण समाधान तलाशने की खातिर एक समिति गठन करने के लिए न्यायालय से समय मांगा।
ख़बरों के मुताबिक, साथ ही बोर्ड ने यह भी कहा कि साल 1946 तक बाबरी मस्जिद उनके पास थी। अंग्रेजों ने गलत कानून प्रक्रिया से इसे सुन्नी वक्फ बोर्ड को दे दिया था। शिया वक्फ बोर्ड ने कहा कि बाबरी मस्जिद मीर बकी ने बनवाई थी जो कि शिया था।
Shia Waqf Board in SC affidavit: Masjid can be located in a Muslim dominated area at a reasonable distance from Shree Ram birth place pic.twitter.com/cRXnsydINS
— ANI (@ANI) August 8, 2017
शिया वक्फ बोर्ड के इस हलफनामे की तारीफ करते हुए बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि मुझे लगता है कि शिया वक्फ बोर्ड की ये बातें उपरवाले की बताई हुई हैं। वहीं बाबरी एक्शन कमिटी के चेयरमैन जफरयाब गिलानी ने कहा है कि ये सिर्फ एक हलफनामा है, कानून में इसके लिए कोई जगह नहीं है।
This is just an appeal, this affidavit has no value in law :Zafaryab Jilani,Babri Masjid Action Committee on Shia Waqf Board pic.twitter.com/Ws1JT1SBia
— ANI (@ANI) August 8, 2017
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट में 7 साल से लंबित अयोध्या भूमि विवाद की सुनवाई 11 अगस्त से शुरू होने जा रही है। माना जा रहा है कि उस दिन जस्टिस दीपक मिश्रा, अशोक भूषण और अब्दुल नज़ीर की बेंच विस्तृत सुनवाई की तारीख और दायरे तय करेगी।