अगर अभी तक आपने अपना आधार कार्ड नही बनवाया है तो अब जरुर बनवा लिजिए, क्योंकि अब आपका आधार कार्ड जीवन के साथ-साथ जीवन के बाद भी काम आने वाला है। ख़बरों के मुताबिक, शुक्रवार(4 जुलाई) को केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि एक अक्टूबर से डेथ सर्टिफिकेट के लिए आधार नंबर दर्ज करना होगा, तभी डेथ सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।
file photo
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह फैसला गृह मंत्रालय ने लिया है। साथ ही सरकार का दावा है कि इससे कदम से पहचान संबंधी फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा। गृह मंत्रालय का यह नया फरमान एक अक्टूबर 2017 से पूरे देश में लागू होगा, फिलहाल इसमें जम्मू-कश्मीर, असम और मेघालय को दूर रखा गया है। बताया जा रहा है कि इन राज्यों में इसके लिए बाद में नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है।
ख़बरों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले महापंजीयक कार्यालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया कि मृतक की पहचान स्थापित करने के मकसद से मृत्यु प्रमाण-पत्र आवेदन में आवेदक को मृतक का आधार नंबर या एनरोलमेंट आईडी नंबर मुहैया कराना होगा।
Aadhaar number will be required for purpose of establishing identity of deceased for the purpose of Death registration w.e.f October 1, 2017 pic.twitter.com/Mn9cgn4JsW
— ANI (@ANI) August 4, 2017
ख़बरों के मुताबिक, मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति के पास अगर मृत व्यक्ति का आधार नंबर या Enrolment ID Number (EID) नहीं है तो उसे एक प्रमाण पत्र देना होगा। जिसमें लिखा होगा कि आवेदक के पास मृत व्यक्ति के आधार नंबर के संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
साथ ही यह भी बताना होगा कि इस संदर्भ में अगर उसके द्वारा प्रदान की जा रही सूचनाएं गलत पाई जाती हैं तो उस पर आधार एक्ट 2016 और जन्म और मृत्यु नामांकन एक्ट 1969 के तहत कार्रवाई की जा सकती है, इस पूरी प्रक्रिया में आवेदक का आधार नंबर भी जमा कराया जाएगा।
जानिए क्यों किया गया यह फैसला:
मृतक प्रमाणपत्र के बाद किसी का कोई भी आधिकारिक दस्तावेज नहीं बनता है और किसी भी व्यक्ति के लिए वो आखिरी सरकारी दस्तावेज होता है। आधार कार्ड नंबर का उपयोग मृतक की पहचान की पुष्टि के लिए किया जाएगा ताकि इसमें किसी तरह की धोखाधड़ी ना हो सके। ख़बरों के मुताबिक, माना जा रहा है कि ये आदेश इसलिए दिया है ताकि किसी व्यक्ति की मौत के बाद उसके आधार नंबर के जरिए किसी सरकारी सुविधा या स्कीम का फायदा कोई और व्यक्ति न लें या फिर फ्रॉड न हो।