गुजरात के बहुचर्चित सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में गुजरात पुलिस के पूर्व डीआईजी डीजी वंजारा और आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने आरोपों से बरी कर दिया है। इन दोनों अधिकारियों पर कथित फर्जी एनकाउंटर का आरोप था। बताया जा रहा है कि दोनों आरोपियों को सबूतो के अभाव में बरी किया गया है। दिनेश एमएन फिलहाल राजस्थान एसओजी में आईजी के पद पर तैनात है।
(File Photo/PTI)बता दें कि इस एनकाउंटर मामले में सीबीआई कोर्ट ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि यह कोई एनकाउंटर नहीं बल्कि कॉन्ट्रेक्ट मर्डर था। सोहराबुद्दीन केस 2005 में हुआ था। इस मामले में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत कई नेताओं को पहले ही बरी किया जा चुका है। सोहराबुद्दीन कथित मुठभेड़ मामले में राजकुमार पांडियन, डीजी वंजारा और दिनेश एमएन को 24 अप्रैल, 2007 को गिरफ्तार किया गया था। लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने पंडियन को रिहा कर दिया था।
हालांकि, सितंबर, 2014 में मुंबई की एक अदालत ने वंजारा को सोहराबुद्दीन शेख और तुलसी प्रजाति कथित फर्जी मुठभेड़ मामलों में जमानत दे दी थी। वंजारा को पहले गुजरात जाने की इजाजत नहीं थी, लेकिन पिछले साल अप्रैल में सीबीआई की विशेष अदालत ने वंजारा को गुजरात में प्रवेश करने और वहां ठहरने की अनुमति देकर उनकी जमानत शर्तों में ढील दी थी।