बिहार में महागठबंधन खत्म हो गया है। नीतीश कुमार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ हो गए हैं।महागठबंधन की सरकार से इस्तीफे के तुरंत बाद नीतीश कुमार को बीजेपी का साथ मिल गया और अब वह दोबारा 27 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले लिए हैं। वहीं, सुशील मोदी एक बार फिर बिहार के उप-मुख्यमंत्री बने हैं। नीतीश कुमार छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने हैं।
India Todayसाबित किया बहुमत
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नीतीश सरकार ने 28 जुलाई को बिहार विधानसभा में बेहद अहम विश्वास मत भी जीत लिया। विस अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने बताया कि जदयू, भाजपा और अन्य के सत्तारूढ़ गठबंधन के पक्ष में 131 मत पड़े ओैर विपक्ष में 108 मत पड़े। विश्वास मत की प्रक्रिया मत विभाजन के जरिए पूरी हुई।
JDU में बगावत के सुर तेज
24 घंटे के अंदर महागठबंधन छोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार के लिए आगे की राह आसान नहीं नजर आ रही है। नीतीश कुमार द्वारा महागठबंधन तोड़ने के बाद इस बीच उनकी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) में बगावत के सुर तेज हो गए हैं।
जेडीयू सांसद अली अनवर की ओर से खुलकर नीतीश कुमार के फैसले का विरोध करने के बाद शरद यादव की भी नाराजगी सामने आ रही है। शायद यही वजह रही कि नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए शरद यादव पटना नहीं गए। साथ ही उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात भी की थी।
शरद यादव ने लालू को किया फोन
हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम के बीच शरद यादव ने सार्वजनिक रूप से अभी तक एक शब्द भी नहीं बोला है। हालांकि इस मसले पर लालू प्रसाद यादव ने NDTV के साथ एक इंटरव्यू में दावा किया है कि पूर्व जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने उन्हें फोन कर उनके साथ होने का भरोसा दिया है।
लालू ने NDTV के साथ एक इंटरव्यू में से कहा, ”शरद यादव ने मुझे फोन किया था।’ लालू ने इसके साथ ही यह भी दावा किया कि, ”वह(शरद यादव) हमारे संपर्क में हैं और उन्होंने कहा है कि वह हमारे साथ हैं।” शुक्रवार को नीतीश कुमार के विश्वास मत हासिल करने के बाद लालू यादव ने यह बात इंटरव्यू में कही।