प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक समारोह के दौरान लोगों से तोहफे में ‘बुके की बजाय बुक’ देने की अपनी अपील पर खुद अमल करना शुरू कर दिया है। इसके तहत अब पीएम मोदी जिस किसी भी राज्य के दौरे पर जाएंगे, वहां अपने स्वागत में कीमती फूलों के गुलदस्ते या अन्य तोहफे लेने से परहेज करेंगे। इस बाबत केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से प्रधानमंत्री की इस इच्छा के अनुरूप ही उनका स्वागत करने के लिए अनुरोध किया है।पिछले सप्ताह गृह मंत्रालय द्वारा सभी राज्य सरकारों के मुख्य सचिव और संघ शासित क्षेत्र के प्रशासकों को भेजे पत्र में प्रधानमंत्री के स्वागत संबंधी उनके अनुरोध का पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है। मंत्रालय द्वारा भेजे पत्र में कहा गया है कि भारत के अंदर किसी भी राज्य के दौरे पर प्रधानमंत्री के स्वागत में संबंद्ध राज्य सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा उन्हें गुलदस्ता (बुके) भेंट स्वरूप न दिए जाएं।
सर्वश्रेष्ठ तो यह होगा कि उन्हें गुलदस्ते के बजाय महज एक फूल ही दिया जाए। इतना ही नहीं मंत्रालय ने राज्य सरकारों से यह भी कहा है कि स्वागत के दौरान पीएम को फूल के साथ खादी का एक रुमाल या कोई एक पुस्तक भी अगर भेंट स्वरूप दी जाती है, तो इसमें कोई हर्ज नहीं होगा।
केरल में गत 19 जून को पीएम मोदी ने ‘पी. एन. पनिक्कर नेशनल रीडिंग डे’ के आयोजन की शुरुआत करते हुए लोगों से भेंट स्वरूप बुके की बजाय बुक देने का नया शिष्टाचार शुरू करने की अपील की थी। कोच्चि में हर साल एक महीने तक चलने वाले इस आयोजन में उन्होंने कहा था कि पढ़ने से बेहतर कोई दूसरा आनंददायक काम नहीं है और पढ़ने से मिले ज्ञान से बढ़कर दूसरी कोई शक्ति नहीं है।
प्रधानमंत्री की अपील के बावजूद उन्हें गुलदस्ता देने की परिपाटी बंद नहीं होने के बाद गृह मंत्रालय ने राज्यों को यह निर्देश जारी किया है। मंत्रालय ने राज्य सरकारों के सभी सक्षम प्राधिकारियों से प्रधानमंत्री के स्वागत संबंधी इस निर्देश का पालन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है।