रिटायर जस्टिस सीएस कर्णन कोयंबटूर से गिरफ्तार, सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का था आरोप

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अवमानना के मामले में सुप्रीम कोर्ट से 6 महीने की सजा के बाद फरार चल रहे कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व जज सी.एस. कर्णन को मंगलवार को तमिलनाडु के कोयंबटूर से गिरफ्तार कर लिया गया।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीते 9 मई को सजा सुनाने के बाद से ही कर्णन फरार चल रहे थे। प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर की अध्यक्षता वाली सात न्यायाधीशों की एक पीठ ने कर्णन को अवमानना का दोषी ठहराते हुए छह महीने जेल की सजा सुनाई थी।

कर्णन को भारत के प्रधान न्यायाधीश समेत शीर्ष न्यायालय के न्यायाधीशों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के मामले में अवमानना का दोषी ठहराया गया है।

गौरतलब है कि जस्टिस कर्णन ने 23 जनवरी को प्रधानमंत्री के नाम एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने 20 जजों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।

इनमें सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज आैर मद्रास हार्इकोर्ट के जज शामिल थे। साथ ही जस्टिस कर्णन ने पीएम से इस मामले की निष्पक्ष जांच की भी मांग की थी।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 8 फरवरी को जस्टिस कर्णन को नोटिस जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि क्यों ने इसे कोर्ट की अवमानना माना जाए।

आपको बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस सी एस कर्णन के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था। अवमानना केस में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान गैरहाजिर रहने के कारण शुक्रवार(10 मार्च) को सुप्रीम कोर्ट ने यह वारंट जारी किया था और 31 मार्च को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था।

पीठ ने 31 मार्च को होने वाली सुनवाई के समय न्यायमूर्ति कर्णन की शीर्ष अदालत में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया था कि वह व्यक्तिगत रूप से गिरफ्तारी वारंट की तामील करें। पीठ ने एक नोटिस के जवाब में न्यायाधीश द्वारा शीर्ष न्यायालय रजिस्ट्री को आठ मार्च को भेजे गये पत्र पर विचार करने से इनकार कर दिया था।

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