बहुजन समाज पार्टी(बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में जातीय दंगे की घटना पर गहरा अफसोस तथा चिन्ता जाहिर करते हुए शनिवार(6 मई) को कहा कि राज्य में साम्प्रदायिक घटनाओं के बाद अब जातीय संघर्ष की वारदात से प्रदेश ‘दहलने’ लगा है। इससे यह साबित होता है कि बेहतर अपराध-नियन्त्रण तथा कानून-व्यवस्था सत्तारूढ़ बीजेपी के बस की चीज नहीं है।मायावती ने एक बयान में कहा कि बिना अनुमति के जुलूस आदि निकालना तथा उस दौरान मनमानी करके वातावरण को प्रदूषित तथा हिंसक बनाना वास्तव में एक ‘फैशन’ सा हो गया है, जिसको रोक पाने में प्रदेश की बीजेपी सरकार विफल साबित हो रही है।
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं बल्कि बीजेपी सरकार की भगवा तुष्टीकरण की नीति के कारण कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करना, हत्या तथा हिंसा करना सामान्य बात होती जा रही है, जिस कारण प्रदेश में भय और आतंक का एक नया खराब माहौल पैदा होता जा रहा है।
बीएसपी प्रमुख ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद प्रतिदिन हर नेता तथा मंत्री नई-नई बातें और घोषणाएं कर रहे हैं, लेकिन हकीकत में ठीक उसका उल्टा हो रहा है और राज्य सरकार उन असामाजिक तथा आपराधिक तत्वों के सामने बौनी साबित हो रही है।
बिना अनुमति के जुलूस निकालने तथा इसे लेकर नई परम्परा की शुरुआत करने वाले लोगों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए मायावती ने कहा कि बीजेपी सरकार को अब अपनी कथनी और करनी में अंतर को समाप्त करके प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को जनहित में बेहतर बनाना होगा, वरना सरकारी तंत्र से लोगों का विश्वास उठता चला जाएगा।
बता दें कि सहारनपुर जिले के शब्बीरपुर गांव में महाराजा प्रताप जयंती के अवसर पर डीजे बजाने को लेकर राजपूत और दलित समाज में शुक्रवार(5 मई) को बड़ा संघर्ष हुआ। दलितों ने कथित तौर पर गांव से शोभायात्रा निकालने का विरोध किया और शोभायात्रा पर पथराव कर दिया। इस दौरान शोभायात्रा में शामिल एक राजपूत युवक की मौत हो गई।
शोभायात्रा पर पथराव की सूचना आसपास के गांवों के राजपूत समाज के लोग भी वहां पहुंच गए। दोनों ओर से पथराव के साथ-साथ फायरिंग और तोड़फोड़ शुरू हो गई। इसके बाद शब्बीरपुल गांव के दलितों के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई। पुलिस के वाहनों में तोड़फोड़ की गई और एक पुलिसकर्मी की स्कूटी में आग लगा दी गई। तनाव बढ़ने के बाद गांव में पीएसी तैनात कर दी गई है।