चुनाव आयोग जल्द ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन(EVM) के मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों की एक बैठक बुलाएगा। बैठक में सभी दलों को EVM के गड़बड़ी मुक्त और सुरक्षित होने का भरोसा दिलाया जाएगा। साथ ही मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने शनिवार(29 अप्रैल) को कहा कि इन आरोपों के सिलसिले में चुनाव आयोग ने एक ‘चुनौती’ आयोजित करने की योजना बनाई है। इसके समय को लेकर विचार किया जा रहा है।
फाइल फोटो।जैदी ने कहा कि चुनाव आयोग राजनीतिक दलों को EVM के गड़बड़ी मुक्त और सुरक्षित होने का भरोसा दिलाने के लिए जल्द ही उनकी एक बैठक बुलाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले चुनावों में आयोग का इरादा वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) का उपयोग करने का है। ताकि चुनाव प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता लाई जा सके।
बता दें कि VVPAT से एक पर्ची निकलती है जिसे देखकर मतदाता यह सत्यापित करता है कि EVM में उसका वोट उसी उम्मीदवार को गया है, जिसके नाम के आगे का उसने बटन दबाया है। जैदी ने कहा कि हम जल्द ही एक सर्वदलीय बैठक करेंगे, जिसमें उन्हें बताया जाएगा कि EVM हमारी प्रशासनिक एवं तकनीकी सुरक्षा प्रणाली के मुताबिक किस तरह से छेड़छाड़ से मुक्त और सुरक्षित है।
गौरतलब है कि हाल ही में 16 विपक्षी दल EVM में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए चुनाव आयोग से मतदान पत्र आधारित चुनाव व्यवस्था की ओर लौटने का अनुरोध कर चुके हैं। जैदी ने कहा कि आयोग की योजना एक चुनौती का आयोजन करने की भी है। इसके समय को लेकर विचार किया जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि चुनाव आयोग एक खुली चुनौती देकर किसी से भी यह कहने वाला है कि वह EVM के दुरुपयोग के संदेह को दूर करने के लिए उसे हैक करने की कोशिश कर सकता है। चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि आयोग ने चुनाव में उपयोग के लिए VVPAT मशीनों की आपूर्ति के लिए आदेश दिया है।
उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि सितंबर 2018 तक करीब 15 लाख VVPAT मशीनें तैयार हो जाएंगी। आयोग का लक्ष्य सभी आगामी चुनावों में VVPAT का उपयोग करने का है। बता दें कि इस साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में हुए चुनावों में EVM से छेड़छाड़ का आरोप कई राजनीतिक दल लगा चुके हैं।