समाजवादी पार्टी के नेता और अखिलेश सरकार में मंत्री रहे गैंगरेप के आरोपी गायत्री प्रजापति को जमानत देने वाले अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओम प्रकाश मिश्र को शुक्रवार(28 अप्रैल) को हाई कोर्ट की प्रशासनिक समिति ने निलंबित कर दिया। बता दें 25 अप्रैल को ही लखनऊ की पोक्सो कोर्ट ने गायत्री प्रजापति और दो अन्य आरोपियों विकास वर्मा और पिंटू सिंह को जमानत दी थी।
कोर्ट ने मिश्रा के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इसके अलावा जस्टिस मिश्रा के सारे अधिकार भी सीज कर दिए गए हैं। साथ ही कोर्ट ने गायत्री प्रजापति को जमानत देने के फैसले को भी रद्द कर दिया है।
POCSO court special judge,OP Mishra suspended for granting bail to former UP Min Gayatri Prajapati in rape case,departmental inquiry ordered pic.twitter.com/rVFC85eYbE
— ANI UP (@ANINewsUP) April 29, 2017
बता दें कि प्रजापति को जमानत देने वाले अपर जिला एवं सत्र न्याजयाधीश ओम प्रकाश मिश्र 30 अप्रैल यानी कल रिटायर वाले हैं। प्रजापति को एक नाबालिग लड़की के साथ कथित यौन उत्पीड़न के मामले में गिरफ्तार किया गया था। जमानत के एक दिन बाद बुधवार को ही वह लखनऊ की जिला जेल से रिहा हुए थे।
क्या है मामला?
बता दें कि सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति पर एक लड़की ने नौकरी और प्लाट दिलवाने के नाम पर रेप करने का आरोप लगाया था। मामले में 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रजापति और 6 अन्य लोगों पर मुकदमा दायर किया गया था। मामला दर्ज होते ही प्रजापति फरार हो गए थे। जिसके बाद शीर्ष अदालत के निर्देश के बाद 15 मार्च काे प्रजापति को लखनऊ से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
FIR के मुताबिक, पीड़ित महिला ने शिकायत में कहा था कि एक करीबी के माध्यम से करीब तीन साल पहले उसकी मुलाकात गायत्री प्रजापति से हुई थी। महिला का आरोप है कि गायत्री ने कुछ आपत्तिजनक फोटो लिए थे और कई बार ब्लैकमेल भी किया। पीड़िता के मुताबिक, उसके साथ अक्टूबर 2014 से जुलाई 2016 तक गैंगरेप किया गया। प्रजापति उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अमेठी से चुनाव लड़े और हार गए।