नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में हिंसक झड़पों को लेकर बीजेपी की विद्यार्थी इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) पर धमकी देने का आरोप लगाने वाली श्रीराम कॉलेज की छात्रा और कारगिल शहीद कैप्टन मनदीप सिंह की बेटी गुरमेहर कौर के समर्थन में अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) भी उतर आया है।
आरएसएस ने शुक्रवार(3 मार्च) को धमकी देने वालों को गिरफ्तार करने की मांग करके अपना नजरिया साफ कर दिया। संघ ने कहा है कि इस मामले की जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी हो चाहें वह किसी भी संगठन का हो, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
प्रेस विज्ञप्ति में आरएसएस के पंजाब प्रांत संघचालक बृजभूषण सिंह बेदी ने कहा है कि संघ विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और महिला सम्मान के प्रति पूरी तरह संकल्पबद्ध है। बेदी ने कहा कि किसी भी महिला अथवा युवती के खिलाफ असम्मानजनक शब्दों का इस्तेमाल करना अथवा उसे धमकी देना हमारी संस्कृति के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह पूरे मामले की जांच कराए और दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई करे, चाहें वह किसी भी राजनीतिक दल या संगठन से ताल्लुक रखता हो। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति महिलाओं का सम्मान करने वाला है। संघ उस भारतीय संस्कृति का पक्षधर है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में एबीवीपी और आईसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट यूनियन) के बीच हुई मारपीट के बाद के कुछ दिन बाद गुरमेहर कौर ने सोशल मीडिया पर एक अभियान शुरू किया था, जिसका नाम था- ‘मैं एबीवीपी से नहीं डरती।’ यह अभियान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
इस तख्ती पर लिखा है, ‘मैं दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ती हूं। मैं एबीवीपी से नहीं डरती। मैं अकेली नहीं हूं। भारत का हर छात्र मेरे साथ है। गुरमेहर की इस पोस्ट के बाद उन्हें देशद्रोही तक करार दिया जाने लगा और फेसबुक पर उन्हें बलात्कार तक की धमकी दी गई। मैसूर से भाजपा के सांसद प्रताप सिम्हा ने तो गुरमेहर कौर की तुलना दाऊद इब्राहिम से कर दी।
गुरमेहर हर हमले का जवाब देती रही, लेकिन उसका हौसला तब जवाब दे गया जब बड़ी हस्तियां भी इस विवाद में कूद पड़ीं। विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने अपनी मुहिम समाप्त कर खुद को एबीवीपी के विरोध से अलग कर लिया है। साथ ही उन्होंने अपना फेसबुक अकाउंट भी डिलिट कर दिया है।