मंगलवार को ओलंपियन पहलवान योगेश्वर दत्त भी वीरेंद्र सहवाग और अभिनेता रणदीप हुड्डा के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की हिंसा का विरोध करने वाले निर्णय पर शहीद की बेटी को धमकाने वाली ट्रोल ब्रिगेड में शामिल हो गए थे।
योगेश्वर दत्त ने ओसामा बिन लादेन व हिटलर की तस्वीरों से गुरमेहर की तुलनात्मक टिप्पणी पर तंज किया था। अपने पोस्टर को ट्वीट करते हुए उन्होंने बंदर वाली स्माईली लगाई थी जिसमें तीनों बंदर आंखें बंद किए हुए हैं। इसमेे योगेश्वर दत्त ने गुरमेहर कौर के पुराने फोटो की तुलना हिटलर और ओसामा बिन लादेन के साथ की थी।
इस ट्वीट के आने के बाद पहलवान योगेश्वर दत्त की कड़ी आलोचना होना शुरू हो गई थी। विवाद को बढ़ता देख आज उन्होंने इस मामले में अपना यूटर्न ले लिया है।
I am not against #GurmeharKaur , I respect her, she is the daughter of a Shaheed, I just have a different view: Yogeshwar Dutt pic.twitter.com/EO0Hp8haUq
— ANI (@ANI) March 1, 2017
समाचार एजेंसी एनएनआई के हवाले से उन्होंने बताया कि मैं गुरमेहर कौर के खिलाफ नहीं हूं। मैं उनका सम्मान करता हूं। वह एक शहीद की बेटी है। मेरा सिर्फ अलग नज़रिया था।
अपनी सफाई में वह भले ही अब गुरमेहर कौर के समर्थन में उतरते दिख रहे हो लेकिन सोशल मीडिया पर उनके कल के ट्वीट के कारण चारों तरफ कड़ी आलोचना की गई थी।
जबकि आपको बता दे कि इससे कुछ देर पूर्व ही वीरेन्द्र सहवाग भी गुरमेहर के समर्थन में उतर आए थे और उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि उसे अपनी बात को रखने का अधिकार है यदि इसपेे कोई मारपीट या बलात्कार की धमकी दे तो वह जीवन के बहुत घिनौने पहलू को दिखाता है।
She has a right to express her views and anyone who threatens her with violence or rape is the lowest form of life.
— Virender Sehwag (@virendersehwag) March 1, 2017
सहवाग की इस मामले पर कड़ी निंदा की जा रही थी। आज उन्होंने अपने बयानों पर स्पष्टीकरण देते हुए गुरमेहर पर इस तरह की धमकी देने वालों का विरोध किया और कहा कि उन्हें अपनी आत रखने का अधिकार है।
आपको बता दे कि इस मामले पर ‘जनता का रिपोर्टर’ में एडिटर-इन-चीफ रिफत जावेद ने अपने खास कार्यक्रम Speak Up India के पहले एडिशन में बताया कि गुरमेहर का मन प्रदूषित होने की बात एक जिम्मेदार मंत्री किस प्रकार से कर सकता है जबकि बलात्कार की धमकियां देने वाले AVBP के लोगों को मंत्री महोदय कुछ भी नसीहत देने की बजाय उल्टे गुरमेहर पर ही आरोप मढ़ रहे है।