राजस्थान: अस्पताल में डिलीवरी के दौरान महिला की मौत, परिजनों ने दर्ज कराया हत्या का मामला तो स्त्री रोग विशेषज्ञ ने की आत्महत्या; सुसाइड नोट वायरल

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राजस्थान के दौसा में एक निजी अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ ने अपने खिलाफ आईपीसी (हत्या) की धारा 302 के तहत प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आत्महत्या कर ली। 42 वर्षीय डॉक्टर अर्चना शर्मा ने अपने खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के एक दिन बाद मंगलवार को यह कदम उठाया।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रविवार की रात प्रसव पीड़ा में 22 वर्षीय महिला को उनके अस्पताल लाया गया। कथित तौर पर अत्यधिक रक्तस्राव के कारण मरीज की हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। जिसके बाद मृतका के परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए मंगलवार को डॉक्टर के खिलाफ धारा 302 की मांग की और उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

इस बीच, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे उसके सुसाइड नोट में कहा गया कि सामान्य प्रक्रिया के दौरान मरीज की मौत हो गई थी और उसकी मौत के बाद उसके परिवार को दुख नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने नोट में कहा, मैं अपने बच्चों से बहुत प्यार करती हूं और मैंने किसी की हत्या नहीं की है। निर्दोष डॉक्टरों को परेशान न करें।

राज्य के डॉक्टर उसकी आत्महत्या से सदमे में हैं और जयपुर और दौसा के सभी निजी अस्पतालों में हड़ताल की घोषणा की है। राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन और जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स ने कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने वाले दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

महिला डॉक्टर की आत्महत्या पर सीएम अशोक गहलोत ने भी दुख जताया हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “दौसा में डॉ. अर्चना शर्मा की आत्महत्या की घटना बेहद दुखद है। हम सभी डॉक्टरों को भगवान का दर्जा देते हैं। हर डॉक्टर मरीज की जान बचाने के लिए अपना पूरा प्रयास करता है परन्तु कोई भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना होते ही डॉक्टर पर आरोप लगाना न्यायोचित नहीं है। अगर इस तरह डॉक्टरों को डराया जाएगा तो वे निश्चिन्त होकर अपना काम कैसे कर पाएंगे।”

सीएम ने अपने ट्वीट में आगे कहा, “हम सभी को सोचना चाहिए है कि कोविड महामारी या अन्य दूसरी बीमारियों के समय अपनी जान का खतरा मोल लेकर सभी के सेवा करने वाले डॉक्टरों से ऐसा बर्ताव कैसे किया जा सकता है। इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है एवं दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”

डॉ शर्मा एक स्वर्ण पदक विजेता थीं और दौसा में एक अस्पताल की स्थापना में अपने पति के साथ शामिल होने से पहले सरकारी मेडिकल कॉलेज, गांधीनगर में एक सहयोगी प्रोफेसर के रूप में काम किया था।

इस बीच निजी अस्पताल एवं नर्सिग होम सोसायटी ने दोषी पुलिस अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर गिरफ्तार करने की मांग की है। राज्य विधानसभा में विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौर ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। (इंपुट: IANS के साथ)

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